Ram Bahal Chaudhary,Basti
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कही लाठियां चली तो कही हुई जमकर नारेबाज़ी: बस्ती में कई बाधाओं को पार करके सपा ने नामांकन किया, गोरखपुर से नामांकन ही नहीं कर पाए SP उम्मीदवार, और अन्य जिलों का जाने क्या हुआ हाल...

  • by: news desk
  • 27 June, 2021
कही लाठियां चली तो कही हुई जमकर नारेबाज़ी: बस्ती में कई बाधाओं को पार करके सपा ने नामांकन किया, गोरखपुर से नामांकन ही नहीं कर पाए SP उम्मीदवार, और अन्य जिलों का जाने क्या हुआ हाल...

बस्ती: जिला पंचायत चुनाव 2021 के लिए 26 जून को नामांकन का आखिरी दिन था।  बस्ती में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा और सपा के बीच शनिवार को पूरे दिन सियासी बवाल हुआ| सपा नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री राम प्रसाद चौधरी के गांधीनगर स्थित आवास से लेकर बस्ती ज़िला पंचायत अध्यक्ष नामांकन के तक बवाल की खबरें आती रही है| उधर हालात देखते हुए पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी के आवास पर भारी मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया।



कई बाधाओं को पार करके सपा ने किया नामांकन। सपा जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी ने किया नामांकन।सपा प्रत्याशी के रूप में वीरेंद्र चौधरी ने किया नामांकन। सपा प्रत्याशी ने 1 सेट में किया नामांकन।जांच में पर्चा पाया गया वैध।डीएम सौम्या अग्रवाल ने पर्चा वैध होने की दी जानकारी। जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए 4 सेट पर्चा हो चुका है दाखिल। नामांकन में पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी, जिला अध्यक्ष महेंद्र नाथ यादव, विधान MLC संतोष यादव सनी रहे मौजूद।




भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी ने किया नामांकन।

भाजपा प्रत्याशी के रूप में संजय चौधरी ने किया नामांकन।

भाजपा प्रत्याशी ने 3 सेट में किया नामांकन।

जांच में तीनो पर्चा पाया गया वैध।

डीएम सौम्या अग्रवाल ने पर्चा वैध होने की दी जानकारी।

जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए 4 सेट पर्चा हो चुका है दाखिल।

नामांकन में सांसद हरीश द्विवेदी, विधायक दयाराम चौधरी, विधायक संजय प्रताप जयसवाल रहे मौजूद।

जिलाध्यक्ष महेश शुक्ला, विधायक अजय सिंह, विधायक सीपी शुक्ला, विधायक रवि सोनकर भी नामांकन में हुए शामिल।




बस्ती में तो सपा ने आरोप लगाया है कि पुलिस की मौजूदगी में उनके नेताओं का अपहरण करने का प्रयास किया गया| इसका वीडियो सपा ने अपने अकाउंट से ट्वीट किया. लिखा –“बस्ती में ज़िला पंचायत अध्यक्ष नामांकन के दौरान पुलिस की उपस्थिति में भाजपा नेता की गुंडई! भाजपा प्रत्याशी संजय चौधरी ने सपा के ज़िला पंचायत सदस्य व प्रस्तावक को खींचकर अपहरण करने का किया प्रयास, घोर निंदनीय. दंभी सत्ता के अब दिन हैं बचे चार.”



अखिलेश यादव ने भी वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा –“गोरखपुर व अन्य जगह जिस तरह भाजपा सरकार ने पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को नामांकन करने से रोका है, वो हारी हुई भाजपा का चुनाव जीतने का नया प्रशासनिक हथकंडा है. भाजपा जितने पंचायत अध्यक्ष बनायेगी, जनता विधानसभा में उन्हें उतनी सीट भी नहीं देगी..





गोरखपुर से नामांकन नहीं कर पाए SP उम्मीदवार, भाजपा समर्थकों ने कलेक्ट्रेट गेट पर सपा नेता को पीटा :

सपा से गोरखपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करने जा रहे जितेंद्र यादव को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के द्वारा मार पीटकर नामांकन कार्यालय से निकाला गया बाहर।



 गोरखपुर में ख़ासा बवाल हुआ... यहां भाजपा ने अपने विधायक और पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह की पत्नी साधना सिंह को प्रत्याशी बनाया है| वहीं सपा से आलोक गुप्ता को टिकट मिला था.....26 जून को यहां नामांकन की तारीख़ थी| सुबह 11 से 3 बजे तक ही नामांकन होना था| समर्थक बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट परिसर में मौजूद थे और इस बीच साधना सिंह का नामांकन हो भी गयया लेकिन गहमा-गहमी तब शुरू हुई, जब सपा प्रत्याशी आलोक गुप्ता नामांकन भरने नहीं आए और न ही उनका कुछ अता-पता चल रहा था... सपा नेताओं का उनसे संपर्क भी नहीं हो पा रहा था.... ऐसे में आनन-फानन में सपा ने जितेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाकर नामांकन कराना चाहा| सपा जिलाध्यक्ष नगीना साहनी जब जितेंद्र यादव को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे तो भाजपा समर्थकों से कहासुनी शुरू हो गई| झड़प के बीच जितेंद्र यादव भी नामांकन नहीं कर सके|



 सपा का आरोप है कि उनके घोषित प्रत्याशी आलोक गुप्ता का अपहरण कर लिया गया, जिसकी वजह से वो नहीं आए| और फिर दूसरे प्रत्याशी को भी नामांकन नहीं करने दिया गया सपा ने प्रशासन और सत्ताधारी भाजपा पर गुंडई का आरोप लगाया है|



गोरखपुर में पूर्व मुख्यमंत्री बीर बहादुर सिंह की पुत्र बधू, कैंपियरगंज से विधायक फतेह बहादुर की पत्नी भाजपा प्रत्याशी साधना सिंह  निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुन ली गई है। सिर्फ औपचारिक तौर पर घोषणा और प्रमाण पत्र के लिए उन्हें 29 जून तक इंतजार करना है। नामांकन पत्र वापसी की तिथि 29 जून को दोपहर 03 बजे उन्हें जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा निर्विरोध निर्वाचन का प्रमाण पत्र प्रदान कर दिया जाएगा।





बलरामपुर: सिर्फ गोरखपुर ही नहीं, तमाम अन्य जिलों में भी सपा ये आरोप लगा रही है कि भाजपा उनके प्रत्याशियों को नामांकन करने से रोक रही है| इनमें बलरामपुर भी शामिल है, जहां सपा ने किरन यादव को प्रत्याशी बनाया है///लेकिन वो भी 26 तारीख़ को नामांकन नहीं कर सकीं| इसके बाद जिले के सपा नेता और पूर्व मंत्री एसपी यादव ने भी भाजपा पर वही आरोप लगाया, जो गोरखपुर में लगा है|





लखीमपुर खीरी में सपा और बीजेपी के कार्यकर्ता आमने-सामने....हुई जमकर नारेबाज़ी: लखीमपुर खीरी में 26 जून को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के नामांकन किए जा रहे हैं, जहां सपा प्रत्याशी अंजलि भार्गव ने अपना नामांकन दाखिल किया, उसके बाद भारतीय जनता  पार्टी के प्रत्याशी ओमप्रकाश भार्गव अपने लावा लश्कर के साथ कचहरी परिसर पहुंचे, जहां बीजेपी और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए,  



पुलिस बैरिगेट के एक तरफ अखलेश यादव ज़िन्दाबाद के नारे लगाए जा रहे थे, तो बैरिगेट के दूसरी तरफ योगी ज़िन्दाबाद के नारे लगाए जा रहे थे, दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के नारों से पूरा  कचहरी रोड गूंज उठा, दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता के बीच आपस में भिड़ने की नौबत तक आ गई, लेकिन उससे पहले पुलिस के आला अधिकारियों और भारी पुलिस बल ने रस्से और पुलिस बैरिगेट के सहारे बमुश्किल समर्थकों पर काबू पाया, करीब 1 घंटे तक दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर नारेबाजी होती रही।



सिदार्थनगर से भाजपा से शीतल सिंह तो सपा से पूजा यादव ने किया नामांकन: सिद्धार्थनगर में  ज़िला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव का नामांकन हुआ,अध्यक्ष पद के लिए यहां पर भाजपा व् सपा दो पार्टियों में सीधी टक्कर है | अध्यक्ष पद महिला के लिए आरक्षित होने के कारण पार्टियों की महिला प्रत्याशियों ने नामांकन किया.. जिसमें भाजपा एवं सपा के प्रत्याशियों ने डीएम की उपस्थिति में नामांकन किया। 



सत्ता पक्ष भाजपा के अध्यक्ष पद के उमीदवार शीतल सिंह के साथ सांसद जगदम्बिका पाल, मंत्री सतीश द्विवेदी,विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह,चौधरी अमर सिंह व् श्यामधनी राही के अलावा भाजपा के ज़िले भर के नेता रहे मौजूद वहीं सपा प्रत्याशी श्रीमती पूजा यादव के साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय समेत पूर्व विधायक विजय पासवान,उग्रसेन सिंह लालजी यादव समेत ज़िले भर के शीर्ष के नेता मौजूद रहे|



 नामांकन की बात करें तो भाजपा ने दो सेट व सपा ने एक सेट में नामांकन दाखिल किया... वहीं प्रसाशन की बात करे तो ज़िला प्रशासन द्वारा पूरे कलक्ट्रेट परिसर को छावनी में तब्दील क्र दिया गया| वहीं नामांकन के बाद भाजपा प्रत्याशी शीतल सिंह ने कहा कि वह सिद्धार्थनगर में वह अधिक से अधिक विकास का कार्य करेंगी| वही नामांकन के बाद सपा प्रत्याशी श्रीमती पूजा यादव ने कहा कि पूर्व में जिस तरह से ज़िले का विकास किया उसी तर्ज पर आगे भी अध्यक्ष बनने के बाद विकास का कार्य करेंगी।



संतकबीरनगर में सपा प्रत्याशी के नामांकन के दौरान सपाइयों पर पुलिस ने भांजी लाठियां: संतकबीरनगर में सपा प्रत्याशी के नामांकन के दौरान सपाइयों पर पुलिस ने भांजी लाठियां,सपा जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी बलराम यादव के नामांकन के दौरान लाठीचार्ज,नामांकन के दौरान बड़ी संख्या में सफाई एकत्रित होकर सड़क पर कर रहे थे नारेबाजी,पुलिस ने सपाइयों को दौड़ाया,कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर सपाई सड़क जाम कर रहे थे नारेबाजी।




गोरखपुर सहित कई जिलों में भाजपा ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों का अपहरण करा लिया 

उत्तर प्रदेश जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनावों में समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं| सपा का कहना है कि गोरखपुर सहित कई जिलों में भाजपा ने उनके प्रत्याशियों का अपहरण करा लिया है, ताकि वे नामांकन न कर सकें और भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध जीत जाएं. कुल 11 जिलों में सपा प्रत्याशी नामांकन नहीं भर सके. इनमें गोरखपुर, आगरा, झांसी, बलरामपुर वगैरह शामिल हैं.




गाज़ियाबाद: गाज़ियाबाद में सपा ने धौलाना से विधायक असलम चौधरी की पत्नी नसीम बेगम को उम्मीदवार बनाया है..लेकिन नामांकन के दिन उनके प्रस्तावक जितेंद्र को डरा-धमकाकर जिला मुख्यालय तक नहीं पहुंचने दिया गया| इसके बाद पार्टी ने रजनी खटिक को प्रस्तावक बनाया लेकिन सपा का आरोप है कि उन्हें भी नहीं पहुंचने दिया गया|





बागपत: वहीं बागपत में तो अलग ही कांड हो गया... नामांकन से ऐन वक्त पहले राष्ट्रीय लोक दल की प्रत्याशी ममता किशोर पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गईं...उनके भाजपा में आने के बाद बागपत से कोई RLD उम्मीदवार ही नहीं बचा| लेकिन भाजपा में जाने के चंद घंटे बाद ही ममता किशोर वापस RLD में आ गईं और फिर नामांकन दाखिल किया|




इस बीच सपा ने शाम होते-होते सभी 11 जिलें, जहां उसके प्रत्याशी नामांकन नहीं कर सके, वहां के जिलाध्यक्षों को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर दिया है| ये 11 जिले हैं- गोरखपुर, मुरादाबाद, झांसी, आगरा, गौतमबुद्धनगर, मऊ, बलरामपुर, श्रावस्ती, भदोही, गोंडा और ललितपुर




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