गोंडा: गांव में जल प्रलय, 20 किलोमीटर के दायरे में पूरा इलाका डूबा, गांव में आने जाने के लिए लोगों को लेना पड़ता है नाव का सहारा

गोंडा: आइए अब आपको गोंडा ले चलते हैं गोंडा से आई इन तस्वीरों को देखकर आपको लगेगा कि यह कोई नदी बह रही है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, क्योंकि जिस जगह पर यह पानी बह रहा है वह लोगों के खेत हैं उनके खलिहान है, और उसमें लगी लोगों की फसलें हैं, जिनके ऊपर 5 से 7 फीट तक इस समय पानी बह रहा है। दरसल आपको बता दें कि यह करनैलगंज का बालपुर इलाका है, जो आज से पहले कभी भी बाढ़ ग्रस्त नहीं हुआ, लेकिन अबकी बार इन तस्वीरों में जैसा कि आप देख पा रहे हैं, पानी का सैलाब आया हुआ है जो सब कुछ अपने साथ डुबो ले जाना चाहता है। हम आपको बताएंगे कि बालपुर में ऐसे हालात पैदा कैसे हुए और इसका जिम्मेदार कौन है।
क्योंकि जल प्रलय की ये आफत एक दिन में नही आई, बल्कि पिछले 15 दिनों से इस इलाके में घाघरा-सरयू की बाढ़ का सैलाब आया हुआ है, जिसमे इन दोनों नदियों से जुड़े छोटे-बड़े नाले और नदियों का पानी 20 किलोमीटर तक पूरे इलाके को डुबो चुका है। आधा दर्जन गांव को जाने वाले रास्ते पूरी तरह से पानी भर जाने से बंद चल रहे हैं और गांव में आने जाने के लिए लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। वहीं प्रशासन की अगर मानें तो एसडीएम कर्नलगंज ज्ञान चंद गुप्ता का कहना है कि बालपुर में बारिश के पानी से ऐसे हालात पैदा हुए हैं। लेकिन एसडीएम साहब को कौन बताए कि पानी तो पूरे जिले में बरसा है, जबकि जल प्रलय का जलजला तो केवल बालपुर में दिख रहा है।
गोंडा से 10 किलोमीटर दूर लखनऊ रोड पर पड़ने वाले वाले बालपुर इलाके के हालात अब धीरे-धीरे बिगड़ने शुरू हो गए हैं। गोंडा-लखनऊ फोर लेन रोड के दोनों ओर जहां 6 से 7 फीट तक किसानों के खेतों में पानी भर गया है तो वहीं सड़क के एक ओर 20 किलोमीटर के दायरे में पूरा इलाका पानी मे डूब चुका है। तकरीबन 40 हजार बीघे में खड़ी किसानों की फसलें पूरी तरह जलमग्न हो चुकी है। जिससे आने वाले दिनों में किसानों को भुखमरी जैसे हालातों से भी जूझना पड़ सकता है। इतना ही नहीं गांव के चौतरफा पानी भरे होने से लोगों के आवागमन से लेकर उनके रोजी-रोटी पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। लेकिन इसकी फिक्र ना तो जिले के जिम्मेदारों को है ना ही जनप्रतिनिधियों को।
आइए अब आपको बताते हैं कि बालपुर इलाके में जल प्रलय की ये आफत आई कैसे। क्योंकि आज से पहले जलप्रलय की ऐसी आफत यहां के लोगों ने कभी नहीं देखी। आपको बता दें कि जिले से होकर बहने वाली घाघरा, सरयू नदी का ज्यादातर कनेक्शन यहां की छोटी नदियों और नालो से है। जिनकी हर साल मानसून आने से पहले सफाई की जाती थी। ताकि बारिश और बाढ़ का पानी किसी एक जगह पर एकत्र ना होने पाए और लगातार बहता रहे। जिसके लिए सफाई मद में सरकार करोड़ों रुपए देती है। जिसका उपयोग ग्राम पंचायतें और नहर विभाग अपने अपने स्तर से करते हैं।
बावजूद इसके दोनों ही स्तरों पर इन पैसों का बड़े पैमाने पर घोटाला हो गया और जो सफाई नालों, नदियों और नहरों की होनी चाहिए थी वह नहीं हो पाई। कहीं ह्यूम पाइप में जलकुंभी फसने तो कहीं नहर कटने और कहीं पर तो अवैध कब्जे से नदियों का अस्तित्व ही खत्म हो जाने से आज पूरे बालपुर इलाके में जल प्रलय का जलजला आया हुआ है। जिससे यहां के लोग काफी डरे और सहमे हुए हैं। जिनको ना तो किसी प्रकार की प्रशासनिक इमदाद मिल पा रही है न ही जिला प्रशासन से कोई अधिकारी इनका हाल-चाल लेने गांव आया है।
रिपोर्ट-अतुल कुमार यादव
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