गोंडा: खबर गोंडा से है जहाँ सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत हजारों शिक्षकों का भविष्य सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश से पूरी तरह से चौपट हो गया है| न्यायलय के इस आदेश से शिक्षकों के सामने रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो जाएगा है व उनके बच्चों का भविष्य भी पूरी तरह से चौपट हो जाएगा। इस गंभीर समस्या के समाधान हेतु शिक्षकों ने एक मीटिंग की जिसमें कुछ शिक्षक नेताओं ने सरकार से सहानुभूति निर्णय करने का आग्रह किया।
जी हाँ यह ताजा मामला गोंडा जिले के सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत उन हजारों अध्यापकों का है जिनका भविष्य सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश से पूरी तरह से चौपट हो गया है| सरकार की गलत व लचर नीतियों के कारण अभी हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने माध्यमिक विद्यालयों मे वर्ष 2 हजार के पश्चात कार्यरत अध्यापकों के विषय में निर्णय देते हुए कहा कि इन अध्यापकों को कुछ भारांक देकर अन्य प्रतियोगी छात्रों के चयन वोर्ड की परीक्षा में वैठना होगा|
सर्वोच्च न्यायालय ने प्रारंभिक दौर में शिक्षकों के भविष्य को सुधारने का कार्य किया परन्तु सरकार ने गलत दलील देकर ऐसा निर्णय करा लिया जिससे हजारों शिक्षकों के सामने रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो जाएगा व उनके बच्चों का भी भविष्य पूरी तरह से चौपट हो जाएगा|
इस गंभीर समस्या के समाधान हेतु शिक्षकों ने एक मीटिंग की जिसमें कुछ शिक्षक नेताओं ने सरकार से सहानुभूति निर्णय करने का आग्रह किया। वहीं इन्द्र प्रताप सिंह मण्डलीय मंत्री माध्यमिक शिक्षक संघ ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए शिक्षकों का विनियमितीकरण करे जिससॆ हजारों शिक्षकों का भविष्य चौपट होने से बच सके।
रिपोर्ट-अतुल कुमार यादव