गोंडा: खबर गोंडा से है जहां मदरसे मे शिक्षक भर्ती व वेतन भुगतान के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। आरोप है कि 24 वर्ष पहले वर्ष 1996 में मदरसा प्रबंधक ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अफसरों व लिपिक से मिलीभगत कर 6 फर्जी शिक्षकों की भर्ती कर ली और वेतन के तौर पर उन्हे करोड़ों रुपये का भुगतान भी कर दिया गया।
मदरसे के ही एक शिक्षक ने इस पूरे फर्जीवाड़े की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी थी और कार्रवाई की मांग की थी। 24 वर्ष पहले मदरसे में हुए इस भर्ती फर्जीवाड़े पर सीएम कार्यालय के आदेश के बाद नवाबगंज थाने में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के तीन अफसरों समेत 14 लोगों के खिलाफ सरकारी धन के गबन व धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। इस फर्जीवाड़े मे FIR दर्ज होने के बाद अल्पसंख्यक विभाग मे हड़कंप मचा है। वहीं पुलिस ने इस मामले मे नामजद किए गए लोगों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया है।
मदरसे में शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े का यह पूरा मामला नवाबगंज के मदरसा हनीफिया हिदायतुल उलूम का है जहां 24 वर्ष पहले वर्ष 1996 में मदरसे के प्रबंधक ने तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी व लिपिक से साठगांठ कर 6 फर्जी शिक्षकों की भर्ती कर ली। उस समय मदरसे मे कार्यरत शिक्षकों ने विरोध किया तो उन्हे मदरसे से हटा दिया गया। यहीं के शिक्षक को करीम ने इसकी शिकायत अफसरों से की लेकिन उनकी शिकायत को दरकिनार कर दिया गया और फर्जी शिक्षक मदरसे मे वेतन भुगतान लेते रहे।
अब तक इन फर्जी शिक्षकों के वेतन के नाम पर करीब ढाई से तीन करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। यही नहीं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के लिपिक मो शमीम ने कारगिल युद्ध के दौरान सीएम रिलीफ फंड में डोनेट की गई धनराशि का भी गबन कर लिया। अब सीएम कार्यालय के आदेश के बाद इस मामले में विभाग के 3 अफसरों व लिपिक समेत 14 लोगों के खिलाफ गबन व धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कर विधिक कार्रवाई शुरू कर दी है।
वहीं अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र कुमार का कहना है कि मो करीम की शिकायत पर नवाबगंज थाने मे गबन व धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई है। इस पूरे फर्जीवाड़े की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। मामले में जो भी अफसर, लिपिक व अन्य नामजद किए गए हैं सभी को नोटिस कर अभिलेखों समेत तलब किया गया है।
रिपोर्ट-अतुल कुमार यादव