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Gonda: कारगिल विजय दिवस पर विशेष ,पूर्व सैनिक विजय सिंह की कहानी, उन्ही की जुबानी

  • by: news desk
  • 26 July, 2021
Gonda: कारगिल विजय दिवस पर विशेष ,पूर्व सैनिक विजय सिंह की कहानी, उन्ही की जुबानी

गोंडा: देश मे आज कारगिल विजय दिवस है। कारगिल युद्ध में ठीक 22 वर्ष पहले भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए कारगिल की चोटी पर भारत की विजय पताका फहराई थी। कारगिल के इस युद्ध में जिले के बेलसर ब्लाक के रहने वाले विजय कुमार सिंह ने भी अपना अहम योगदान दिया था। इन्होंने इस लड़ाई में लगते हुए 18 जुलाई 1999 में विजय सिंह को 5100 पहाड़ी पर युद्ध के दौरान इनको गोली लगी जिसके बाद इनके साथियों ने इनको द्रास सेक्टर में बने हॉस्पिटल में प्राथमिक उपचार के बाद हेलीकाप्टर श्रीनगर हॉस्पिटल पहुचा पांच।



 दिन उचार के बाद जहाज से दिल्ली पहुचा। पांच दिन उपचार के विजय सिंह को होश आया जिसके बाद रक्षा मंत्री जाज फ़ैनाडिश आये और इनसे मिलकर इनका व और जवानों का हौसला बढ़ाया और बेहतर इलाज के बाद इनका पैर साढ़े सात सेंटीमीटर छोटा हो गया और इनकी जान बच गयी...



 कारगिल विजय दिवस के अवसर पर...विजय सिंह से खास बात कर जाना कि इन्होंने...कारगिल किस तरह योगदान दिया है तो उन्होंने कारगिल विजय गाथा की कहानी सुनाई.....




- उस समय का अनुभव बहुत अच्छा रहा और युद्ध होना भी जरूरी है और जो आज का अनुभव है आज की सेना बहुत ही अलग है उस समय कलाई खुलती थी और बन जाती थी।आज के समय में जो मोदी जी का आशीर्वाद है इससे सेना आज आजाद है आज दुश्मन को जवाब देने के लिए किसी अन्य से पूछने की जरूरत नहीं है ।पहले मुंह तोड़ जवाब दो बाद में रिपोर्ट दो आज की सेना बहुत अलग-थलग है आज उनके पास पावर है और वह दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं ।जब मोदी जी की सरकार नहीं थी तो पहले ऐसा कुछ नहीं था कांग्रेस की सरकार में सेनाओं का हाथ बंधा हुआ था।



उन्होंने आगे बताया,"" जब युद्ध हो रहा था उस समय हम बारामुला में थे कुछ पीछे से घुसपैठिया करके पहाड़ी पर आकर बैठ गए उस समय वहां पर सेना की पेट्रोलिंग कम थी और वह आ करके अपना पोस्ट बना ली।



 बकरी चराने वालों से पता चला तो वहां पर दुश्मन काफी मजबूती में बैठ चुका था लेकिन जब हम लोग वहां पर युद्ध करने के लिए गए तो आप और दुश्मन काफी युद्ध के सामान इकट्ठे कर लिए थे। गोला बारूद सहित अन्य सामान उनके पास था उसमें उग्रवादी के अलावा पाकिस्तानी सेना के लोग भी थे और पाकिस्तान के अन्य लोग भी थे जब वहां के लोगों को कैप्चर किया गया तो वह लोग कई राज कबूल है 5100 एक पहाड़ी पर जहां पर हम लोगों द्वारा का आक्रमण होना था वहां पर एक पत्थर गिर गया और पत्थर गिरने से दुश्मन चौकन्ना हो गए अटैक के 2 मिनट पहले हम उनके पोस्ट पर पहुंचना था इससे पहले उन्होंने फायर झोंक दी उसी लड़ाई में मेरा पैर में गोली लगी थी।






विजुअल

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