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कस्तूरबा गांधी स्कूलों में घोटाले का मामला: कार्रवाई के आदेश के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों में शुरू हुई खींचतान, कमिश्नर को चिट्ठी लिख DC ने खुद को बताया बेकसूर....BSA और AAO पर मढ़ा दोष

  • by: news desk
  • 14 September, 2021
कस्तूरबा गांधी स्कूलों में घोटाले का मामला: कार्रवाई के आदेश के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों में शुरू हुई खींचतान,  कमिश्नर को चिट्ठी लिख DC ने खुद को बताया बेकसूर....BSA और AAO पर मढ़ा दोष

कस्तूरबा स्कूलों में 96 लाख रुपये घोटाले का मामला:  DM द्वारा दिए गए कार्यवाही के आदेश के बाद बौखलाये अधिकारी...भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों में शुरू हुई खींचतान| घोटाले का एक दूसरे पर चल रहा आरोप प्रत्यारोप|



जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) रजनी श्रीवास्तव ने कमिश्नर से की लिखित शिकायत| DC बालिका रजनी श्रीवास्तव ने BSA और AAO को बताया दोषी..शिकायत में BSA और AAO के संयुक्त हस्ताक्षर से भुगतान का जिक्र|



DC बालिका रजनी श्रीवास्तव ने खुद को बताया बेकसूर....कहा मैने नही किया था बिल पर हस्ताक्षर, BSA के कृत्य पर भी उठाया सवाल|मानसिक उत्पीड़न, छवि खराब करने व अपमानित करने का आरोप| 



BSA ने DC बालिका को नौकरी से निकलवा देने की धमकी|  सीडीओ की तीन सदस्यीय जाँच समिति ने BSA, AAO, व DC बालिका को बताया था दोषी| DM ने तीनों के खिलाफ शासन को भेजी थी रिपोर्ट।



प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गोण्डा विनय मोहन वन के कृत्यों के सम्बन्ध में रजनी श्रीवास्तव ने कमिश्नर से की शिकायत: मण्डलायुक्त देवीपाटन मण्डल को लिखे पत्र में जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) रजनी श्रीवास्तव ने कहा है,'' प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय मोहन वन जी द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों में अनियमित ढंग से कार्यवाही, अपने पद का दुरूपयोग करते हुए किया गया क्योंकि इनका मूल पद उप प्राचार्य डायट बलरामपुर का है, अतिरिक्त प्रभार प्राचार्य डायट बलरामपुर, अतिरिक्त प्रभार प्राचार्य डायट गोण्डा, अतिरिक्त प्रभार सहायक शिक्षा निदेशक बिसिक), देवीपाटन मण्डल, गोण्डा का है इन सबके अतिरिक्त अतिरिक्त प्रभार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, गोण्डा का है और कस्तरबा गाँधी बालिका विद्यालय के समस्त कर्मचारी एवं जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) एवं सभी लोग संविदा कर्मी है। इनके द्वारा यह भी बताया जाता है कि संविदा वाले सब बाहर होंगे हम स्थाई अधिकारियों की पहंच का तुम सभी को पता नहीं है। 



रजनी श्रीवास्तव ने कहा,''मेरे द्वारा माह जलाई के प्रथम सप्ताह में ही लिखित रूप से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय व मुख्य विकास अधिकारी महोदय को समन्वयक होने के नाते अवगत करा दिया था कि जेम पर खाद्यान शो हो रहा है. फिर भी जाबूझ कर के0जी0बी0वी0 खुलने तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसी बात से पता चलता है कि दूषित मानसिकता किसकी है। मुझे महिला होने व परिवार से दूर रहकर नौकरी करने भी नहीं दे रहे हैं आये दिन उच्चाधिकारियों को मेरे बारे मे गलत रिपोर्ट करते रहते है। इनके द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का चार्ज लेने के बाद इन्होंने सबसे पहले राज्य परियोजना कार्यालय से मेल द्वारा आने वाले पत्रों को जिला समन्वयक (बालिका) को देना बंद कर दिया और लेखाकार/वार्डेन से भुगतान की पत्रावली प्रस्तुत करवाने लगे। 



जनपद स्तर पर सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से भुगतान की कार्यवाही तब होती है जब पत्रावलियां सहायक वित्त लेखाधिकारी परीक्षण करने के उपरान्त सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी स्तर से भुगतान की कार्यवाही होती है तथा विद्यालय स्तर वित्तीय अभिलेख आदि तैयार कर लेखाकार पत्रावली प्रस्तुत करते हैं। जनपद गोण्डा में अनियमित भुगतान होने की दशा में जिलाधिकारी महोदय द्वारा मुख्य विकास अधिकारी श्री शशांक त्रिपाठी जी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम गठित कर जाँच कराई, जिसमें टीम द्वारा रिपोर्ट दी गई। 



रिपोर्ट की जानकारी मुझे जिलाधिकारी महोदय के पत्रांकः के0जी0बी0वी0/स्पष्टीकरण/ 3007-11/2021-22 दिनांक:- 03.08.2021 द्वारा मुझसे अर्थात जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) से स्पष्टीकरण मांगा गया, इसी स्पष्टीकरण में राज्य परियोजना टीम के 13 बिन्दुओं पर भी स्पष्टीकरण देने का निर्देश था तो समस्त बिन्दुओं पर साक्ष्य सहित वित्तीय अभिलेख पत्रावलियों से संकलित करने व के0जी0बी0वी0 से भी अभिलेख संकलित करते हुए स्पष्टीकरण देने में विलम्ब हुआ क्योंकि ये पत्रावलियाँ सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी एवं विद्यालय स्तर से व्यवहरित की जाती है। 



जिलाधिकारी महोदय द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण से ज्ञात हुआ कि जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) द्वारा आपूर्तिकर्ता फर्म से दुर्रभिसंधि करते हुए व तथ्यगोपन किया गया है, का आरोप लगाया गया है जबकि के0जी0बी0वी0 क्रय समिति में जो समिति राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा गठित है उसमें अध्यक्ष जिलाधिकारी महोदय द्वारा नामित अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खाद्य विपणन अधिकारी एवं सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी चार सदस्यीय टीम है एवं पत्रावली को जनपद स्तर पर व्यवहरित करने का कार्य सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का है और टेंडर पास करने का अधिकार समिति को तथा जिलाधिकारी महोदय के अनुमोदन पश्चात अग्रिम कार्यवाही की जाती है, अनुमोदन पश्चात् ही सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी भुगतान नियमानुसार करते हैं तो इसमें जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) गोण्डा रजनी श्रीवास्तव की दुर्रभिसंधि या उच्च अधिकारियों से तथ्यगोपन कहीं नहीं किया गया है। जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा), गोण्डा पर लगाया गया आरोप निराधार व झठा है।



उपरोक्त के अतिरिक्त राज्य स्तरीय टीम के जो बिन्दु हैं जिसमें जो भी भुगतान की कार्यवाही हुई है टेंडर में अनुमोदित दर के अनुसार हुआ है। बिल का परीक्षण उपरान्त सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी श्री सुदीप पाण्डेय एवं प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री विनय मोहन वन जी द्वारा किया गया।



राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के निर्मित भवन मानकीकृत एवं ड्राइंग डिजाइन नहीं का आरोप है तो यह भवन जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय द्वारा निर्मित कराया गया है। विद्यालय में जो भी सामग्री प्राप्त की जाती है वार्डेन विद्यालय स्तरीय टीम द्वारा प्राप्त कर गुणवत्ता की आख्या के आधार पर सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के स्तर से भुगतान होता है।



मेजर रिपेयरिंग के अंतर्गत 6 विद्यालयों में कार्य अपूर्ण होने की दशा में तृतीय किश्त का भुगतान नहीं हुआ हैऔर निर्माणदायी संस्था से स्पष्टीकरण जिलाधिकारी महोदय से मांगा गया है। 



के0जी0बी0वी0 (कस्तूरबा गाँधी बालिका विधालय) में अनेकों समस्या थी शौचालय, फर्स, समरसेबल। जिसके लिए समस्या जिलाधिकारी महोदय के समक्ष रखने पर के0जी0बी0वी0 की अवशेष धनराशि से की जानकारी प्राप्त की वे टीम बनाकर विद्यालय का सत्यापन कराकर टूट-फूट व मरम्मत कराने हेतु पी0डब्लू0डी0 को निर्माण सम्बन्धी कार्य सौंपा परन्तु जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय द्वारा यह धनराशि वापस मंगा ली गई।



उपरोक्त 13 बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण जिलाधिकारी गोण्डा महोदय को प्रेषित किया जा चुका है। उपरोक्त के क्रम में महोदय को अवगत कराना है मेरे द्वारा कोई वित्तीय कार्य नहीं किया जाता है। प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय द्वारा अपने पद व पावर का दुरूपयोग करते हुए जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) की छवि खराब करने के लिए महिला कर्मचारी को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी हैं।  एक महिला को अपमानित करने के लिए किस-किस स्तर पर गिरना पड़ा है|



मैं आपको बताती हूँ जनपद गोण्डा में चुनाव के दिन दिनांक 19.03.2021 को रात्रि 9:30 बजे से 01:30 बजे तक के0जी0बी0वी0 मनकापुर का अपने पुरूष कर्मचारियों के साथ किया, स्पष्टीकरण मांगे फिर स्पष्टीकरण असंतोषजनक बताया गया फिर स्पष्टीकरण चलता ही रहा। इसके बाद वर्ष 2020-21 में जिन कर्मचारियों की समिति ने संविदा समाप्त की, उस समिति में महोदय स्वयं भी डायट प्राचार्य के रूप में सदस्य हैं और कर्मचारी द्वारा मेरी विभिन्न स्तरों पर शिकायतें करा रहे हैं।



 इतना ही नहीं महोदय के समक्ष इनके द्वारा श्रीमती शिवानी चन्द्रा भूतपूर्व वार्डेन के0जी0बी0वी0 नवाबगंज का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर मेरी शिकायत की गयी व स्वयं जाँच अधिकारी बनकर मुझे अवगत कराया। इतने से भी इनका परेशान करने से भी मन नहीं भरा, और अब मुझे वित्तीय पत्रावलियों पर हस्ताक्षर व त्याग-पत्र देने का दवाब डाल रहें हैं जिससे मैं इस समय परेशान हो गयी हूँ एवं अस्वस्थ्य के कारण अवकाश पर हूँ। 



इसके साथ ही अवगत कराना चाहूँगी कि इनके द्वारा परेशान करने का कारण अनियमित भुगतान की जगह मनमाने ढंग से कार्य करने करने व महिला कर्मचारी को परेशान करते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया जा रहा है। ऐसे तो हर बात पर मुख्य विकास अधिकारी महोदय व जिलाधिकारी महोदय को फोन करते है परन्तु माह मार्च 2021 में भुगतान की कार्यवाही के समय क्यों नहीं अवगत कराया गया है। साथ ही के0जी0बी0वी0 के कर्मचारियों का नवीनीकरण एवं चयन की कार्यवाही भी है। के0जी0बी0वी0 के चयन में प्राप्त आवेदन पत्रों के कम्प्यूटर फीडिंग, फीडिंग पश्चात महोदय के दिशा निर्देशन में ही डायट मेंटर्स के द्वारा मदर लिस्ट व आवेदन पत्र व उनके संलग्नकों का मिलान करने के उपरान्त कर्मचारियों को लगाकर लिपिकीय त्रुटि में सुधार उपरान्त विषयवार कुछ फार्म ऐसे थे जिसपर समिति को निर्णय लेना था जिसके लिए मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा दिनांक:-10.08.2021 को बैठक रखी गई। 



उक्त तिथि को मुख्य विकास अधिकारी महोदय को अपरिहार्य कारणवाश विकास खण्ड-छपिया जाना पड़ा, बैठक निरस्त हो गई। फिर पुनः बैठक दिनांक: 21.08.2021 को आहूत की गई, जिसके लिए महोदय द्वारा सायं 4 बजे का समय निर्धारित किया गया। उसी तिथि को प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री विनय मोहन वन जी ने 3 से 5 बजे तक आनलाइन मीटिंग रख दी, जिसमें मैं नहीं जुड़ी क्योंकि मेरा एजेण्डा बाद में था, तो इनके द्वारा जबरदस्ती दूरभाष पर मीटिंग मे जुड़ने को कहा गया। फिर मुख्य विकास अधिकारी महोदय की बैठक में देर हो गई और मुझे उनके कोपभाजन का शिकार होना पड़ा। 



प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मेरे से भी बाद में आए, पत्रावली लिए व सीधे गलत ढंग से प्रस्तुत करने लगे कि गणित में 48 आवेदन पत्र आएं हैं जिसमें से कि 40 निरस्त करने योग्य हैं। मैं समझना/बताना चाह रही थी कि नहीं नोट-शीट पर लिखा है कि किस-किस विषय में किस-किस कंट्रोल नं0 पर चर्चा करनी है परन्तु दोनों ही उच्चाधिकारियों ने मुझे समिति के समक्ष नीचा दिखाया, अपमानित किया व मुख्य विकास अधिकारी महोदय ने पत्रावली (सभी पत्रावली) प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिलवा दी और कहा कि इनको (रजनी श्रीवास्तव) को कुछ नहीं आता, आप स्वयं देखें। 




इसलिए महोदय से निवेदन है कि के0जी0बी0वी0 में चयन की कार्यवाही आप अपनी देख-रेख में करवाएं। जिससे कि ये दोनों अधिकारी फिर मुझे फंसाने का प्रयास न करें। महोदय को उपरोक्त स्थितियों से इसलिए अवगत करा रही हूँ कि मैंने जनपद-गोण्डा में बालिका शिक्षा के लिए उसके उन्नयन के लिए अथक प्रयास किया है और वर्तमान में जहाँ सरकार महिलाओं का सम्मान कर रही है वहीं मुझे अपमानित व फंसाने का कार्य कतिपय अधिकारी अपनी दूषित मानसिकता के कारण कर रहे हैं।



 जिला परियोजना कार्यालय में रखे गये के0जी0बी0वी0 के रिक्त पदो के सापेक्ष समस्त प्राप्त आवेदन पत्रों को प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा मेरे अवकाश पर जाने के बाद दिनांक 23.08. 2021 को अपने आवास पर मंगा लिए तो ऐसे में इनके द्वारा अभिलेखो से छेड़छाड़ या अभिलेखो का गोपन किया जाता है तो मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी क्योकि मुझे परेशान करने के लिए ये किसी भी हद तक जा सकते है। इसके साथ जिलाधिकारी महोदय को प्रेषित किये गए स्पष्टीकरण की छायाप्रति संलग्न कर प्रेषित कर रही हूँ जिससे मेरा पक्ष पर विचार करते हुए एवं मेरे द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण के आधार पर जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) गोण्डा श्रीमती रजनी श्रीवास्तव को न्याय मिल सके। मैं आजीवन आपकी आभारी रहूँगी।









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