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गोण्डा: सिंचाई विभाग का बड़ा कारनामा, न नहर की सफाई हुई न पटरियां दुरुस्त की गई, झाड़ियों की सफाई पर ही खर्च कर दिए 150 करोड़

  • by: news desk
  • 01 October, 2020
गोण्डा: सिंचाई विभाग का बड़ा कारनामा, न नहर की सफाई हुई न पटरियां दुरुस्त की गई, झाड़ियों की सफाई पर ही खर्च कर दिए 150 करोड़

गोण्डा:सरकारी धन खपाने व फर्जी कार्य दिखाकर लाखों का वारान्यारा करने वाले सिंचाई विभाग ने एक और बड़ा कारनामा कर दिखाया है। नहर की पटरियों पर उगने वाली झाड़ियों की सफाई पर ही 150 करोड़ खर्च कर दिया। जबकि नहर की पटरियों पर झाड़ियां अभी भी उगी हैं न सफाई हुई न पटरियां दुरुस्त की गई हैं। इतना ही नहीं नहरों के गैप पूरा करने तथा किसानों की जमीन को रजिस्ट्री कराने पर 210 करोड़ का खर्च दिखा दिया, जबकि 12 गैप आज भी कायम हैं।




सिंचाई विभाग द्वारा जिले में 188 नहरें बनाई गई हैं। इन नहरों को विभिन्न खंडों में विभाजित कर संचालन का कार्य किया जाता है। जिले में अधिकांश नहरें अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं। नहर खंड के तहत संचालित गोंडा नहर व मनकापुर नहर के संचालन व देखरेख की जिम्मेदारी खंड चार के अधीन है। गोंडा नहर बहराइच से होते हुए गोंडा में प्रवेश करती है और मनकापुर तक जाती है। गोंडा में शून्य से किलोमीटर 30 तक की लंबाई है, जबकि मनकापुर से इसका नाम मनकापुर शाखा है। किलोमीटर 40 से 120 तक करीब 60 किलोमीटर लंबी है। इन दोनों मुख्य शाखाओं का संचालन बीते दस साल से हो रहा है।




गोंडा व मनकापुर शाखा से 63 माइनर व रजबहा निकले हैं। इन छोटी नहरों का संचालन नहीं हो पा रहा है। कारण इसमें नहरों के गैप पूरे नहीं हुए हैं और किसानों की जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो पाई है। गैप पूरा करने के लिए शासन ने वर्ष 2019-20 में सिंचाई विभाग को 350 करोड़ रुपये दिए।




नहर खंड चार ने नहरों के गैप पूरा करने व नहर खोदाई के नाम पर पूरा पैसा खर्च कर दिया। लेकिन 12 गैप आज भी हैं जिससे नहर का काम अधूरा ही रह गया। इतना ही नहीं नहरों के गैप पूरा करने तथा खोदाई पर विभाग ने कुल धनराशि का 60 प्रतिशत यानि 210 करोड़ रुपये खर्च दिखा दिया, जबकि 140 करोड़ रुपये नहरों की पटरियों व गैप के स्थान पर लगी जंगली झाड़ियों की सफाई पर खर्च दिखा दिया।




बिना काम कराए ही निकाल ली धनराशि

गौरा विधायक प्रभात वर्मा ने बताया कि उनके क्षेत्र में खंड चार व खंड दो की नहरें गई हैं। किसानों की रजिस्ट्री, झाड़ी खोदाई तथा गैप पूरा करने के नाम पर करोड़ों रुपये धनराशि का वारान्यारा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष व इस बार भी मुख्यमंत्री से मिलकर शिकायत की गई है। लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी बेलगाम हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि सिंचाई विभाग का एक अधिकारी शाम होने से पहले ही पी लेता है।



1977-78 में शुरू हुई परियोजना अभी अधूरी

वर्ष 1977-78 में शुरू हुई सरयू नहर परियोजना से गोंडा समेत 9 जिलों को शामिल किया गया था। सरयू नहर परियोजना पर अब तक कई हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं लेकिन नहरें अभी पूरी नहीं हो पाईं।



सरयू नहर खंड चार के एक्सईन दिनेश मोहन ने कहा कि,''जंगल सफाई के लिए कुछ भुगतान हुआ है, नहरों को सही ढंग से संचालित करने के लिए यह कार्य कराया जाता है। कहीं कोई गलत भुगतान नहीं किया गया है।




अधीक्षण अभियंता सिंचाई विभाग त्रयंबक त्रिपाठी ने कहा कि,''नहरों की जंगल सफाई की कोई कार्य योजना नहीं है, यदि इस तरह कोई कार्य हुआ है तो जांच की जाएगी। शासन को पूरे मामले की रिपोर्ट दी जाएगी।







रिपोर्ट-अतुल कुमार यादव


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