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गोंडा सीएमओ की बड़ी नाकामी का खुलासा: 7 करोड़ रुपये के टेंडर को किया सरेंडर, 4 करोड़ के सामानों का नही किया भुगतान, ढाई हजार आशा बहुओं का मानदेय भी रोका

  • by: news desk
  • 06 April, 2021
गोंडा सीएमओ की बड़ी नाकामी का खुलासा:  7 करोड़ रुपये के टेंडर को किया सरेंडर, 4 करोड़ के सामानों का नही किया भुगतान, ढाई हजार आशा बहुओं का मानदेय भी रोका

गोंडा:  TVL NEWS का गोंडा स्वास्थ्य विभाग को लेकर बड़ा खुलासा| गोंडा सीएमओ डॉ.अजय सिंह गौतम की बड़ी नाकामी का खुलासा| 7 करोड़ का बजट शासन को किया सरेंडर... सरकार पर बढ़ाई जेम पोर्टल की देयता| 4 करोड़ के सामानों का नही किया भुगतान| ढाई हजार आशा बहुओं का मानदेय भी रोका| मानदेय का पौने तीन करोड़ बजट लैप्स...भाई की चहेती फर्म को देना चाहते थे टेंडर|  सीएमओ की चहेती फर्म याशिका इंटरप्राइजेज...75 परसेंट मैनुअली टेंडर का बना रहे थे दबाव|




नहीं मैंनेज हुआ टेंडर तो बजट कराया लैप्स....बाबूओं की शिकायत पर शासन लिखा पत्र| खुद को गोंडा सीएमओ पद से हटाने की भेजी डिमांड|अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को लिखा गोंडा सीएमओ पद से हटाने का पत्र।




केन्द्रीय औषधि भण्डार गोण्डा के चीफ फार्मासिस्ट प्रभाशंकर द्विवेदी,  मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के प्रधान सहायक आर0सी0 सोनी और मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के कनिष्ठ सहायक शशि कुमार श्रीवास्तव द्वारा अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को लिखे गए पत्र में कहा है,''''डॉ0 श्री अजय सिंह गौतम, मुख्य चिकित्साधिकारी, गोण्डा के पद पर दिनांक 25.11.2020 से तैनात हैं, जबसे यह जनपद में कार्यभार ग्रहण किये हैं, तभी से इनके साथ इनके मौसेरे भाई नीरज सिंह,मुख्य चिकित्साधिकारी के हैसियत से हम लोगों पर गलत तरीके से कार्य करने का दबाव बनाते रहे। 




पत्र में आगे कहा, ''मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 अजय सिंह गौतम हम लोगों तथा वरिष्ठ चिकित्साधिकारी भण्डार को साफ शब्दों में निर्देशित किया कि मेरे भाई जैसा कहेंगे, वैसा ही कार्य करना है। इसके बाद इनके भाई नीरज सिंह गलत तरीके से आर्डर बनाने का दबाव बनाने लगे, हम सभी लोगों ने जब इस पर ऐतराज किया, तो डॉ0 अजय सिंह गौतम द्वारा जबरन कमरा नं0-10 में अपने भाई के साथ बैठकर भाई के चहेते फर्मों मेसर्स याशिका इण्टर प्राइजेज का आर्डर बनवाना चाहा, तब हम सभी लोगों ने साफ शब्दों में ऐसा कार्य करने से मना कर दिया, तो इन्होंने अपनी प्राइमरी आई0डी0 व पासवर्ड भाई को देकर स्वयं बैठकर मेसर्स याशिका इण्टर प्राइजेज का आर्डर बनवा दिया (जिसकी वीडियो क्लिप देखी जा सकती है)।




उन्होंने आगे कहा,'' जब हम लोगों ने इसका घोर विरोध किया और कहा कि जेम एक गर्वमेन्ट ई-मार्केटिंग प्रणाली है, जेम से जो भी सामान खरीदना होता है, उनको सबसे न्यूनतम दर वाली फर्म से क्रय किया जाता है, परन्तु मुख्य चिकित्सा अधिकारी महोदय नहीं माने और स्वयं आई0डी0 व पासवर्ड लेकर अपने भाई की फर्म का आर्डर बना लिया। हम सभी लोगों ने बहुत विरोध किया और कहा कि आपके भाई के गलत दबाव में कार्य नहीं कर पाऊंगा। हम लोगों को पद से हटा दीजिए। ज्यादा विरोध होता देखकर इन्होंन हम सभी लोगो को बुलाया और कहा कि जो हुआ, सो हुआ, अब नहीं होगा।





मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 अजय सिंह गौतम द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना एवं राज्य बजट योजना के विभिन्न मानक मदों में प्राप्त धनराशि क सापेक्ष सामग्रियों के क्रय हेतु नामित सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के सहमति व हस्ताक्षर उपरान्त कार्यालय आलेख पर अनुमोदन प्रदान किया गया। अनुमोदनोपरान्त जेम पोर्टल के माध्यम से समस्त अनुमोदित सामग्रियों का इनके उपस्थिति में इनके प्राइमरी आई0डी0 से लिंक जेम वायर आई0डी0 से नियमानुसार क्रय आदेश निर्गत किया गया। इनके एवं इनके भाई द्वारा बार-बार यह दबाव बनाया जाता रहा है कि सभी सामग्रियों को जेम पोर्टल से न खरीदिए, कुल आवंटित बजट का 25 प्रतिशत जेम पोर्टल से खरीद लीजिए और 75 प्रतिशत कोटेशन व मैनुअल मैनेज टेण्डर पर खरीद लीजिए, परन्तु वरिष्ठ चिकित्साधिकारी, भण्डार के निर्देशन में हम लोगों ने ऐसा करने से मना कर दिया और कहा कि सारा क्रय जेम पोर्टल से ही किया जायेगा, क्योंकि विभाग व शासन का स्पष्ट निर्देश है कि सारा क्रय जेम पोर्टल के माध्यम से ही किया जाये, इसलिए जेम पोर्टल के अतिरिक्त हम लोग अन्य तरीके से क्रय नहीं कर सकते हैं। 




इस पर ये और इनके भाई नाराज हो गये और कहे कि अगर बजट का 75 प्रतिशत कोटेशन व मैनुअल टेण्डर पर नहीं खरीदोगे, तो हम तुम्हें हटाकर श्री घनश्याम पाण्डेय चीफ फार्मासिस्ट व श्री सुशील कुमार मिश्रा कनिष्ठ सहायक एवं डॉ० मलिक आलमगीर को स्टोर में तैनात कर उनसे कार्य करा लेंगे, तब हम सभी लोगों ने इनसे कहा कि आप काम चाहे जिससे लें, परन्तु हम नियम विरूद्ध कार्य नहीं कर पायेंगे। इसके बाद डॉ0 अजय सिंह गौतम मुख्य चिकित्साधिकारी, गोण्डा ने हम लोगों को धमकाया कि केवल तुम्हें पटल से ही नहीं हटाऊंगा, बल्कि डी0ओ0 लेटर लिख दूंगा, जिससे तुम अपने घर से सैकड़ो किलोमीटर दूर चले जाओगे।




 नियमानुसार अनुमोदित कार्यालेख के आधार पर जेम पोर्टल के माध्यम से क्रय की गयी समस्त सामग्रियों से विभिन्न फर्मों के बिलों को केन्द्रीय औषधि भण्डार द्वारा परीक्षणोंपरान्त सत्यापित किया गया तथा केन्द्रीय औषधि भण्डार द्वारा क्रय के सापेक्ष समस्त सत्यापित बिलों को कार्यालय में भुगतान हेतु प्राप्त कराया गया, प्राप्त सत्यापित बिलों को मेरे द्वारा परीक्षणोपरान्त जेम पोर्टल से क्रय के सापेक्ष कार्यालय आलेख तैयार कर सम्बन्धित समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों के सहमति उपरान्त हस्ताक्षर कराकर सम्पूर्ण औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए भुगतान हेतु अनुमोदन के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी महोदय के समक्ष प्रस्तुत किया, जिस पर मुख्य चिकित्साधिकारी महोदय द्वारा कहा गया कि जेम पोर्टल के इन सभी फमो क मालिकों को बुलाओ, हमसे या हमारे भाई से मुलाकात कराओ, जब यह फर्म वाल पैसा देंगे, तभी हम हस्ताक्षर करेंगे, जिस पर हम लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की, कि जेम पोर्टल से क्रय की गयी सभी कम्पनियां बाहरी हैं और उनके मालिको का नाम व मोबाइल नम्बर नहीं मालूम हो सकता है, जिस पर ये और इनके भाई हम लोगों पर बहुत बिगड़ गये और कहा कि हम कुछ नहीं जानते हैं, चाहे जहाँ फर्मों के मालिकों को ढूढो, जब तक पैसा नहीं मिलेगा, हम भुगतान नहीं करेंगे। 




हम लोग बार-बार भुगतान की पत्रावली इनके पास रखते रहे, परन्तु यह हमेशा पैसा का ही दबाव बनाते रहे और हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। दिनांक 27.03.2021 को मुख्य चिकित्साधिकारी महोदय, गोण्डा के अधीन कार्यरत पटल सहायक, चीफ फार्मासिस्ट, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी भण्डार, लेखाकार, जिला लेखा प्रबन्धक, नोडल अधिकारी (राज्य बजट), नोडल अधिकारी एन0सी0डी0, एन0एच0एम0 के संयुक्त हस्ताक्षर द्वारा जेम पोर्टल से क्रय की गई समस्त सत्यापित बिलों को योजनावार, बिलवार कार्यालय आलेख तैयार कर उसमें यह उल्लेख किया कि मुख्य चिकित्साधिकारी महोदय समस्त सामग्रियों को आपने उपलब्ध बजट के सापेक्ष जेम पोर्टल से क्रय किया है|



 वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है, कुछ ही दिन अवशेष हैं, अगर आप द्वारा इन भुगतान पत्रावलियों पर समयान्तर्गत निर्णय नहीं लिया गया, तो बजट लैप्स हो जायेगा और अनावश्यक लम्बित देयता सृजित हो जायेगी, जिससे शासकीय राजस्व की क्षति होगी, जिस पर इन्होंने समस्त अधिकारियों/ कर्मचारियों को डांटकर भगा दिया और भुगतान पत्रावली पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया और कहा कि मैं बार-बार कह रहा था कि कोटेशन व मैनुअल मैनेज टेण्डर पर यदि आर्डर बनाये होते, तो सारी कम्पनियां अपनी होती, उनसे आसानी से पैसा लिया जा सकता था, परन्तु आप लोगों ने ऐसा नहीं किया। इन बाहरी कम्पनियों को कहाँ ढूंढे, जब तक यह बाहरी कम्पनियां हमसे नहीं मिलेगी, तब तक हम भुगतान नहीं करेंगे।




दिनांक 30.03.2021 को मैंने कार्यालय नोटशीट के माध्यम से मुख्य चिकित्साधिकारी महोदय के समक्ष समस्त भुगतान की पत्रावलियां रखी, जिस पर इन्होंने फिर भी हस्ताक्षर नहीं किया और कहा कि बजट लैप्स हो जाता है, तो हो जाने दो, हम बिना पैसा लिये हस्ताक्षर नहीं करेंगे। अन्ततः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं राज्य बजट का लगभग 07 करोड़ रुपया दिनांक 31 मार्च, 2021 की रात्रि 12:00 बजे लैप्स हो गया और अनावश्यक इतनी ही धनराशि की लम्बित देयता सृजित हो गई।




महोदय, महानिदेशक परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा आशाबहुओं के मानदेय हेतु जनपद स्तर पर बजट उपलब्ध कराया था, जिसके भुगतान हेतु मेरे द्वारा कार्यालय आलेख तैयार कर समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए कोषागार प्रपत्र तैयार कर सम्बन्धित अधिकारियों / कर्मचारियों के हस्ताक्षर कराकर भुगतान हेतु इनके समक्ष भुगतान पत्रावली प्रस्तुत की गयी, जिस पर इन्होंने कहा कि आशा मानदेय में हमें 15 प्रतिशत दिलाओ, तभी हम हस्ताक्षर करेंगे, सभी आशा बहुएं फर्जी पैसा लेती हैं। मैंने साफ मना कर दिया और कहा कि हम लोग ऐसा नहीं कर सकते हैं, आप आहरण–वितरण अधिकारी हैं, आप जिससे चाहिए बुलाकर पैसा ले लीजिए, हमसे कोई वास्ता नहीं है। मेरे इस बात पर यह भड़क गये और कहा कि तुम प्रधान सहायक हो, जब तक पैसा नहीं मिलेगा, तब तक मैं हस्ताक्षर नहीं करूंगा। फाइल उठाकर ले जाओ। 




उक्त मानदेय के भुगतान पत्रावली पर भी हस्ताक्षर नहीं किया, जिससे प्राप्त आशा बहुओं का मानदेय लगभग 03 करोड़ रुपया अनावश्यक रूप से लैप्स हो गया और लम्बित देयता सृजित हो गई।




महोदय, आपके संज्ञान में यह भी लाना है कि हम सभी लोगों द्वारा इनके व इनके भाई द्वारा गलत कराये जाने वाले कार्यों का विरोध किया गया और गलत तरीके से कार्य नहीं किया। मुख्य चिकित्साधिकारी, डॉ0 अजय सिंह गौतम व इनक भाई चाहते थे कि समस्त क्रय फर्जी तरीके से कोटेशन व मैनुअल मैनेज टेण्डर से कर लिया जाये, जिसे हम लोगों ने नहीं होने दिया। हम लोगों ने केवल जेम पोटेल पर ही क्रय करने दिया, जिससे यह नाराज हो गये और उस नाराजगी में हम लोगों के विरूद्ध अर्द्धशासकीय पत्र जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से शासन व महानिदेशालय को लिख दिया। चूंकि जिलाधिकारी महोदय भी जनपद में नये आये थे, उनको मुख्य चिकित्साधिकारी महोदय ने गलत तथ्य बताकर अर्द्धशासकीय पत्र लिखा दिया, जिससे हम लोगों के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलित हो गयी।




महोदय, मुख्य चिकित्साधिकारी, गोण्डा डॉ0 अजय सिंह गौतम द्वारा ई-टेण्डर व जेम पोर्टल पर जितने भी बिड प्रकाशित कराये गये, उस पर अपने भाई के चहेते फर्मों को टेण्डर न पाता देख सभी टेण्डरों को अनावश्यक निरस्त कर दिया अथवा निर्णय ही नहीं लिया।
महोदय, आपको ससम्मान यह भी अवगत कराना है कि मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ० अजय सिंह गौतम जब हम लोगों से गलत कार्य नहीं करा पाये, तो इनके द्वारा जेम पोर्टल पर डॉ0 मलिक आलमगीर के नेतृत्व में अवैधानिक रूप से नई बायर आई0डी0 बना लिया और उससे अपने भाईयों के चहेते फर्मों को लाभ पहुंचाने का कार्य किया।



महोदय, मुख्य चिकित्साधिकारी, गोण्डा डॉ0 अजय सिंह गौतम द्वारा पैसे की लालच में जबरन भुगतान पत्रावलियों पर हस्ताक्षर न करने से विभाग का लगभग 07 करोड़ रूपये की धनराशि अनावश्यक लैप्स/समर्पित हो गई तथा अनावश्यक रूप से विभाग के ऊपर करोड़ो की लम्बित देयता सृजित हो गयी एवं शासकीय धन की क्षति हुई है।



महोदय, डॉ0 अजय सिंह गौतम के जगह इनके भाई श्री नीरज सिंह सार कार्य देखते हैं और वे ही इनसे दबाव बनवाकर हम लोगों के विरूद्ध गलत तरीक स डी0ओ0 लेटर लिखाकर हम लोगों को प्रताड़ित किया गया है। हम लोग मानासक रूप से परेशान हैं।



अतः आपसे सादर अनुरोध है कि आप हम लोगों के संरक्षक व अभिभावक है, हम लोगों के विरूद्ध कोई भी कार्यवाही करने से पहले सम्पूर्ण घटना क्रम की विस्तृत जांच विभागीय वित्त नियंत्रक अथवा किसी भी विभागीय वित्तीय अधिकारी से करा लें, जिससे सारी सच्चाई सामने आ जायेगी और हम निर्दोष छोटे कर्मचारी अवैधानिक रूप से दण्ड पाने से बच जायेंगे। हम लोग पूर्णतया निर्दोष हैं, हम लोगों द्वारा अपने दायित्वों का पूर्णतया पालन किया गया है, किसी भी प्रकार से इनके दबाव में कोई गलत कार्य नहीं किया गया, जिस कारणवश हम लोगों को इतना दण्ड मिला है। अस्तु आप हम लोगों की रक्षा करें। हम सभी पारिवारिक कर्मचारी आपके सदैव आभारी रहेंगे।










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