जिले में तैनात उप निदेशक रेशम को साइबर अपराधियों ने संपत्ति जांच का भय दिखाकर 17 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और उनसे करीब 78.80 लाख रुपये वसूल लिए। मामला सामने आने के बाद अब पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की है।
पुलिस के साइबर सेल को दिए गए शिकायती पत्र में उप निदेशक रेशम रामानंद मल्ल ने कहा है कि 15 जनवरी को उनके व्यक्तिगत मोबाइल नंबर पर एक फोन आया था फोन करने वाले ने उन्हें बताया कि उनके आधार कार्ड से 29 दिसंबर को दिल्ली से एक सिम कार्ड खरीदा गया है
और उसे नंबर से पैसे मांगना, वीडियो बनाना व एमएमएस बनाने जैसे गैरकानूनी काम किए गए हैं। फोन करने वाले ने उपनिदेशक की द्वारकापुरी पुलिस स्टेशन नई दिल्ली के हेड क्वार्टर से बात भी कराई बात करने वाले ने खुद को आईपीएस अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ 57 केस दर्ज किए गए हैं और दिल्ली आकर उन्हे जमानत करानी पड़ेगी।
खुद को आईपीएस अधिकारी बताने वाले जालसाज ने पूछताछ के नाम पर उप निदेशक रेशम को 17 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा और उनसे कई किश्तों में 78.80 लाख रुपए की वसूली की।
खुद को बचाने के लिए उप निदेशक रेशम बैंक से लोन, दोस्तों से उधार व प्रॉपर्टी बेंचकर जलसाज द्वारा बताए गए विभिन्न खातों में पैसे ट्रांसफर करते रहे। जब जालसाज ने और दो लाख रुपये की मांग की तो उप निदेशक ने सोमवार को इसकी जानकारी पुलिस के साइबर सेल को दी। पीडित रेशम अधिकारी ने भुगतान किए गए पैसे का बैंक स्टेटमेंट भी पुलिस को सौंपा है।