गोंडा जिले के कटरा बाजार थाना के गांव जुलाहन पुरवा रहने वाले मृतक नसीरुद्दीन के बड़े भाई सिराज ने रोते हुए बताया
कि हमारे भाई 18 वर्ष की उम्र में जीवन में पहली बार मुंबई कमाने जा रहे थे। हमने उन्हें रोका था की कमाने ना जाओ।
लेकिन उन्होंने कहा कि भैया सभी लोग कमाने जा रहे हैं। हम भी जाएंगे। हमसे उनसे कहा कि तुम वहां के विषय में कुछ जानते नहीं हो कमाने ना जाओ।
तो उसने कहा कि हम सबके साथ जाएंगे। जब सबके साथ वह चलने लगा तो फिर हमने कहा कि इन लोगों का साथ छोड़ना नहीं।
रात के 1 बजे हमने उनके पास फोन मिलाया तो उन्होंने कहा कि खाना खा लिया है। भैया सब कुछ ठीक है।
फिर हमने उनसे कहा कि यदि ट्रेन में कोई कुछ देता है। तो उसे खाना पीना नहीं। उसके बाद फोन कट गया।
1 घंटे बाद मेरे बड़े पिताजी के लड़के का फोन आया कि ट्रेन में आग लगने की अफवाह उड़ी और वह कूदे, और खत्म हो गए।
इस हादसे में 12 लोगों की मौत हो गयी और कई लोग घायल हो गए। हादसे में नसरुद्दीन के साथ यात्रा कर रहे गांव के अन्य लोग बच गए।
मृतक नसरुद्दीन के भाई सिराजुद्दीन ने बताया कि वह चार भाइयों में सबसे छोटा था और पहली बार ट्रेन की यात्रा कर रहा था।
सिराजुद्दीन ने कहा कि नहीं पता था कि मेरा भाई यात्रा के दौरान काल के गाल में समा जाएगा। हादसे की खबर से पूरे गांव में मातम पसरा है और परिजन का रो रोकर बुरा हाल है।