मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समारोह के आयोजन की सराहना करना हुए कहा कि यह आयोजन गोंडा की झील को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलायेगा और इसके संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साहित होगा।
इस आयोजन के लिए सीएम ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया और केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि"धरती हमारी माता है और जीवन के लिए पारिस्थितिक तंत्र का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
पिछले 10 वर्षों में देश में 63 रामसर साइट्स को मान्यता मिली है, जो कि पिछले 65 वर्षों की तुलना में बहुत बड़ा कदम है।
इस दशक में हमने 89 रामसर साइट्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिन्हित करने का लक्ष्य रखा है।
योगी मुख्यमंत्री ने झील की जैव विविधता और प्रवासी पक्षियों के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने बताया कि इस झील में हजारों किलोमीटर दूर से प्रवासी पक्षी आते हैं, जो पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि "मैंने देखा कि यहाँ कई प्रकार के पक्षी प्रवास करते हैं।
जब ये पक्षी यहाँ आते हैं, तो अपने मूल स्थानों की यादें और वहां के पर्यावरणीय संकेत भी हमारे लिए लाते हैं।
इस झील को संरक्षित करके हम इन पक्षियों और स्थानीय जैव विविधता को सुरक्षित रख सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि भारत में कई महत्वपूर्ण वेटलैंड्स अतिक्रमण के कारण नष्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि झीलों और अन्य आर्द्रभूमियों को संरक्षित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।