गोंडा न्यूज़ : माध्यमिक शिक्षा के 459 निजी स्कूल अपार आईडी बनाने में फिसड्डी
सरकारी व मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाई करने वाले कक्षा एक से 12 तक के छात्र छात्राओं की शैक्षिक प्रगति व व उपलब्धि को ट्रैक करने के लिए यू डॉयस प्लस पोर्टल पर अपार (ऑटोमेटेड परमानेंट अकादमिक अकाउंट रजिस्ट्री) आईडी सृजित किया जाना है।
यह पहल भारत सरकार की वन नेशन, वन आईडी योजना का हिस्सा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छात्रों के शैक्षिक दस्तावेजों में पारदर्शिता लाना और दस्तावेजों के सुरक्षित डिजिटलीकरण को सुनिश्चित करना है।
अगर किसी छात्र की मार्कशीट या अन्य शैक्षणिक दस्तावेज खो जाते हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं होगी। अपार आईडी के जरिए यह समस्या खत्म हो जाएगी
क्योंकि इसमें छात्रों के सभी शैक्षणिक दस्तावेज डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे।
इसके अतिरिक्त फर्जी दस्तावेज बनवाने की संभावनाएं भी समाप्त हो जाएंगी। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि योग्य उम्मीदवारों को नौकरी पाने में भी आसानी होगी।
नियोक्ता एक क्लिक में उम्मीदवार की शैक्षणिक जानकारी सत्यापित कर सकेंगे, जिससे फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी पाने वालों पर रोक लग सकेगी।
नई शिक्षा नीति के तहत भारत सरकार की तरफ से कक्षा एक से 12 तक के छात्र छात्राओं की यू डॉयस प्लस पोर्टल पर अपार आईडी सृजित करने का निर्देश दिया गया है।
30 नवंबर तक इस कार्य को पूरा किया जाना था लेकिन बेसिक शिक्षा को छोड़कर अन्य विभागों में यह प्रक्रिया काफी धीमी है। सबसे खराब स्थिति माध्यमिक स्कूलों व मदरसों की हैं।
माध्यमिक शिक्षा विभाग की मान्यता से संचालित हो रहे 459 निजी स्कूल अपार आईडी बनाने में फिसड्डी साबित हुए हैं।
इसमें से 80 फीसदी स्कूल ऐसे हैं जहां अपार आईडी बनाने का कार्य शून्य है। जिन स्कूलों ने शुरू भी किया है उनकी प्रगति महज 10 प्रतिशत ही है।
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