गाजियाबाद: गाजियाबाद के लोनी इलाके में मुस्लिम बुजुर्ग के साथ अभद्रता और मारपीट के मामले में यूपी पुलिस ने ट्विटर इंडिया समेत 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। ट्विटर पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया है। लोनी इलाके में मुस्मिल बुजुर्ग के दाढ़ी काटने जाने के मामले में पुलिस ने देर रात ट्विटर इंडिया समेत 9 लोगों के खिलाफ फेक न्यूज और धार्मिक भावना भड़काने के खिलाफ मामला दर्ज किया।
इनमें मोहम्मद जुबैर (को फाउंडर ALT न्यूज), राना अयूब (वरिष्ठ पत्रकार, गुजरात फाइल्स की लेखक), द वायर (न्यूज वेबसाइट), सलमान निजामी (कांग्रेस नेता), मसकूर उस्मानी (कांग्रेस नेता), समा मोहम्मद (कांग्रेस प्रवक्ता), सबा नकवी (वरिष्ठ पत्रकार), ट्विटर और ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं।
लोनी में हुई घटना पर गाजियाबाद के SSP अमित कुमार पाठक ने कहा,''जांच में घटना का कोई धार्मिक एंगल नहीं मिला। ताबीज को लेकर आक्रोश के चलते इन्होंने ये घटना की। मारपीट में शामिल तीन लोगों को गिरफ़्तार कर उन्हें जेल भेज दिया गया है, बाकी लोगों के लिए हमारी टीमें प्रयास कर रही हैं|
SSP अमित कुमार पाठक ने कहा,''सोशल मीडिया पर जो कंटेट प्रकाशित किया गया वो गैर-जिम्मेदाराना है। जिन लोगों ने जानबूझकर सोशल मीडिया पर अलग एंगल देने के लिए इसको छापा उसमें 7 लोगों, ट्विटर और ट्विटर इंडिया के खिलाफ FIR लिखी गई है|
FIR में कहा गया है कि ट्वीट्स को “सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने” के स्पष्ट मकसद से साझा किया गया था, “भ्रामक” पोस्ट को जोड़ने से हजारों लोगों ने फिर से ट्वीट किया| शिकायत में आगे कहा गया है कि गाजियाबाद पुलिस ने सोमवार रात अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से "स्पष्टीकरण" दिया था, लेकिन उपयोगकर्ताओं ने पोस्ट को नहीं हटाया और ट्विटर ने उन्हें हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की|
मामले में किसी भी सांप्रदायिक कोण से इनकार करते हुए, पुलिस ने कहा है कि सूफी अब्दुल समद पर छह लोगों - हिंदुओं और मुसलमानों द्वारा हमला किया गया था - जो कुछ ताबीज (तबीज़) से नाखुश थे| मामले में ट्विटर और ट्विटर इंडिया और 7 अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काना), 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से काम करना), 505 (शरारत), 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.