डॉ. रीना रवि मालपानी द्वारा ''करवा चौथ ''पर लिखित कविता, "करवाचौथ प्रतिबद्धता : एक दूसरे की प्रीत की"
"करवाचौथ प्रतिबद्धता : एक दूसरे की प्रीत की”.......
मेरा रूठना, तेरा मनाना।
अंत में तेरा मेरा साथ ही रहेगा।।
..
मेरा दर्प, तेरा अहं।
अंत में तेरा मेरा साथ ही रहेगा।।
..
मेरी अक्षि का धुंधलापन, तेरे साथ की कान्ति।
अंत में तेरा मेरा साथ ही रहेगा।।
..
बुढ़ापे की लकड़ी, एक दूसरे का चश्मा।
अंत में तेरा मेरा साथ ही रहेगा।।
..
मेरे दुःख की सुध, तेरे लोचन में करुणा।
अंत में तेरा मेरा साथ ही रहेगा।।
..
अतल प्रणय का प्रतिबिंब।
अंत में तेरा मेरा साथ ही रहेगा।।
..
नत होती कमर, तन की निर्बलता।
अंत में तेरा मेरा साथ ही रहेगा।।
..
नश्वर देह, चिरन्तन प्रेम।
डॉ. रीना कहती अंत में तेरा मेरा साथ ही रहेगा।।
..
डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)