नई दिल्ली: कांग्रेस ने दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल को लेकर अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथों लिया और शिक्षा मॉडल को फरेबी मॉडल करार दिया है। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि, राजधानी में 1 शिक्षा मॉडल आजकल बिक रहा है लेकिन जो हमारी समझ कहती है कि यह मॉडलिंग का मॉडल भी नहीं, फरेबी और फरेब का मॉडल है। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल नीत सरकार शिक्षा के जिस मॉडल का प्रचार करती है, वो असल में ‘फ्रॉड और मॉडलिंग का मॉडल’ है।
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कुछ आंकड़े पेश करते हुए यह दावा भी किया कि अगर केजरीवाल के शिक्षा के ‘तथाकथित मॉडल’ को दूसरे राज्यों में अपना लिया गया, तो पूरी शिक्षा व्यवस्था बर्बाद हो जाएगी। इसके साथ ही संदीप दीक्षित ने पहले के मुकाबले और उनकी सरकार के मुकाबलों में कितने बच्चे परीक्षाओं में सफल होते हैं इसका आंकड़ा भी सबके सामने रखा|
उन्होंने कहा कि, पहली बात उस तथाकथित वर्ल्ड क्लास शिक्षा मॉडल की, जिसमें ये रिजल्ट की बात करते हैं। रिजल्ट के पीछे की हकीकत- ● 1998-99 में जब कांग्रेस सरकार आई थी, तब दिल्ली सरकार के स्कूल में बाहरवीं में 64% बच्चे पास हुआ करते थे, यह आंकड़ा 2013-14 में 89% पहुंच गया था|अब 10वीं के रिजल्ट की बात करते हैं- ● 1998 में 10वीं का पास प्रतिशत 34% था, जो कि 2010 में बढ़कर 89% हो गया ● केजरीवाल सरकार के दौरान पास प्रतिशत पिछले तीन सालों में 72%, 80%, 81 रहा है |
केजरीवाल सरकार ने मुश्किल से 20 स्कूल बनवाए
AAP ने अपने मेनिफेस्टो में कहा था कि 500 नए स्कूल बनाएंगे। उसकी सच्चाई- - हमारे समय में 142 नए स्कूल बने थे - हमारे समय कुल 1006 सरकारी स्कूल थे, इनके समय में 1026 सरकार स्कूल हैं ये कैसा क्रांतिकारी कदम है, जो मात्र कुछ स्कूल बनाए हैं |
केजरीवाल सरकार ने सिर्फ 440 नौकरियां दी
RTI में पूछा गया कि AAP सरकार ने कितनी नौकरियां मुहैया करवाई। तो आंकड़ा आया मात्र 440 नौकरियों का; इतनी निकम्मी सरकार हिंदुस्तान के इतिहास में कहीं भी नहीं रही| AAP के तथाकथित शिक्षा मॉडल को बेनकाब करना इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है कि कहीं दूसरे राज्यों में चल रही शिक्षा व्यवस्था इनके झांसे में आकर इस तथाकथित मॉडल को अपना बर्बाद ना हो जाएं|