नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है| मौसम पर नजर रखने वाली संस्था स्काईमेट के मुताबिक इस हफ्ते से हवाओं की गति और तापमान कम होने लगेगा| जिसकी वजह से प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचने लगेगा|दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा,'' युद्ध, प्रदूषण के विरुद्ध अभियान के तहत 'Red light On, Gaadi Off' कैम्पेन आगामी 21 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक चलेगा।यह अभियान मुख्य रूप से भीड़ वाले 100 रेड लाइट चौराहों पर चलाया जाएगा।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा,''प्रदूषण के खिलाफ 21 अक्टूबर से दिल्ली में "रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ" अभियान ग्राउंड लेवल पर शुरू किया जाएगा। 100 व्यस्तम चौराहों पर 2500 पर्यावरण मार्शल तैनात किए जाएंगे, जो रेड लाइट पर खड़े होकर प्लेकार्ड, टी-शर्ट और फूल देकर लोगों से गाड़ी बंद करने की अपील करेंगे।
गोपाल राय ने कहा,'' 'Red light On, Gaadi Off' अभियान में दिल्ली के माननीय सांसद, विधायक, पार्षद, अधिकारियों एवं कर्मचारियों का एसोसिएशन, RWA's, इको-क्लब, मार्किट एसोसिएशन और इस संबंध में काम करने वाले NGO's इत्यादि को जोड़ा जा रहा है।
वहीं ''दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा,''मेरा मानना है कि पराली से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को काफी कम समय में नियंत्रित किया जा सकता है, इसके लिए हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने समाधान दिए हैं।
प्रदूषण से निपने के लिए दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से हर महीने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करनी की अपील की है|मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा,''केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जी ने कहा है कि प्रदूषण एक दिन में ठीक नहीं हो सकता, इसके लिए कम से कम 4 साल लगेंगे। मैं इस बात से सहमत नहीं हूँ। मुझे लगता है सभी सरकारें राजनीति छोड़कर मेहनत से एक साथ मिलकर प्रदूषण के खिलाफ लड़ें तो कम समय में काबू पा सकते है।
केजरीवाल ने कहा,''वैज्ञानिक तरीकों के इस्तेमाल से पराली को Liability से opportunity में तब्दील किया जा सकता है। लेकिन सभी सरकारों को राजनीति छोड़ एक साथ बैठकर इन उपायों पर चर्चा करनी पड़ेगी| CM केजरीवाल ने कहा,''पराली से उठने वाला धुंआ उत्तर भारत में प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण है। इसलिए मेरा केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री जी से निवेदन है कि वो हर महीने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्रीयों के साथ मीटिंग कर इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश करें।