नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं होने के दावे पर विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं| केंद्र सरकार की मंत्री स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार के 'ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं' बयान पर अब विपक्ष मोदी सरकार को जमकर घेर रहा है। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर लगातार जुबानी हमले कर रहा है|
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि वे (केंद्र) जल्द ही कहेंगे कि कोई कोविड-19 नहीं आया था| सत्येंद्र जैन ने बताया कि दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण दिल्ली समेत देशभर में कई मौतें हुईं। अगर ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई तो अस्पताल ऑक्सीजन की कमी को लेकर हाईकोर्ट क्यों जा रहे थे? सरकार का दावा पूरी तरह से झूठा है|
केंद्र सरकार के कहने कि ऑक्सीजन की कमी से मौतें नहीं हुई हैं पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा,''दिल्ली और देश के कई जगहों पर ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुईं।ऑक्सीजन की कमी से जो मौतें हुई हैं उन्हें 5 लाख मुआवजा देने के लिए हमने कमेटी बनाई थी जिसे उपराज्यपाल ने भंग कर दिया|
केंद्र के '''ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई '' बयान पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा,'''वे (केंद्र) जल्द ही कहेंगे कि कोई COVID-19 नहीं था। जैन ने कहा,'''अगर ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं होती, तो अस्पताल कमी के लिए हाईकोर्ट क्यों जा रहे थे? यह पूरी तरह से झूठ है| जैन ने कहा,'''हमने पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए ऑक्सीजन के लिए ऑडिट कमेटी बनाई थी, जिसे केंद्र ने एलजी के जरिए रोक दिया था. केंद्र जख्मों पर नमक छिड़क रहा है। हम उपराज्यपाल से अपील करेंगे कि हमें समिति चलाने की अनुमति दें|
ऑक्सीजन से हुई मौतों का सही आंकड़ा सामने न आए इसलिए केंद्र सरकार ने एलजी द्वारा दिल्ली सरकार की बनाई समिति भंग करवाई,जिसका काम ही यही था ऑक्सीजन से हुई मौतों का सही आंकड़ा जमा करना और मुआवज़ा दिलाना,सरकार उन लोगों के जले पर नमक ना छिड़के जिनके घर ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हुई है|