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गाजियाबाद में बुजुर्ग की पिटाई का मामला: स्वरा भास्कर, ट्विटर इंडिया के खिलाफ दिल्ली में शिकायत, मामले की जांच कर रही पुलिस

  • by: news desk
  • 17 June, 2021
गाजियाबाद में बुजुर्ग की पिटाई का मामला: स्वरा भास्कर, ट्विटर इंडिया के खिलाफ दिल्ली में शिकायत, मामले की जांच कर रही पुलिस

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोनी में बुजुर्ग की बुरी तरह से पिटाई के बाद उसकी दाढ़ी काटने के मामले में वायरल वीडियो का मुद्दा गरमाता ही जा रहा है। गाजियाबाद में बुजुर्ग के दाढ़ी काटने जाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने बॉलीवुड एक्टर स्वरा भास्कर, ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी और अन्य के खिलाफ के खिलाफ शिकायत दर्ज की है| 



शिकायत में स्वरा भास्कर के अलावा, अरफ़ा खानम शेरवानी, आसिफ खान ,ट्विटर इंडिया और ट्विटर इंडिया के हेड मनीष महेश्वर का नाम भी शामिल है| हालांकि अभी FIR नहीं हुई है| पुलिस का कहना है कि वह मामले की जांच कर रही है|



दिल्ली पुलिस ने कहा कि,'' गाजियाबाद के लोनी में हुई घटना के संबंध में अभिनेत्री स्वरा भास्कर, ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी और अन्य के खिलाफ पुलिस स्टेशन तिलक मार्ग में शिकायत मिली है। जांच चल रही है|



वहीं इससे पहले इस गाजियाबाद के लोनी इलाके में मुस्लिम बुजुर्ग के साथ अभद्रता और मारपीट के मामले में यूपी पुलिस ने ट्विटर इंडिया समेत 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। ट्विटर पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया है। लोनी इलाके में मुस्मिल बुजुर्ग के दाढ़ी काटने जाने के मामले में पुलिस ने देर रात ट्विटर इंडिया समेत 9 लोगों के खिलाफ फेक न्यूज और धार्मिक भावना भड़काने के खिलाफ मामला दर्ज किया। 



इनमें मोहम्मद जुबैर (को फाउंडर ALT न्यूज), राना अयूब (वरिष्ठ पत्रकार, गुजरात फाइल्स की लेखक), द वायर (न्यूज वेबसाइट), सलमान निजामी (कांग्रेस नेता), मसकूर उस्मानी (कांग्रेस नेता), समा मोहम्मद (कांग्रेस प्रवक्ता), सबा नकवी (वरिष्ठ पत्रकार), ट्विटर और ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं।




मामले में ट्विटर और ट्विटर इंडिया और 7 अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काना), 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से काम करना), 505 (शरारत), 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है|



गौरतलब है कि गाजियाबाद में बुजुर्ग शख्स की पिटाई के मामले में पुलिस ने अब तक चार लोगों गिरफ्तार किया है| पीड़ित व्यक्ति का दावा है कि उनकी पिटाई करने वालों ने उनसे ‘जय श्री राम' का नारा लगाने को कहा था| पुलिस ने इस मामले में साम्प्रदायिक पहलू होने से इंकार किया है, उनका कहना है कि सूफी अब्दुल समद की पिटाई करने वालों में हिन्दू-मुसलमान मिलाकर कुछ छह लोग शामिल थे और सभी उनके द्वारा बेचे गए ताबीज को लेकर नाखुश थे|




लोनी की घटना पर ADG(कानून-व्यवस्था) ने कहा,''गाजियाबाद पुलिस की जांच में पाया गया कि घटना 5 जून की थी और वीडियो में दिख रहा व्यक्ति और उसके साथ दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्ति पूर्व परिचित थे। उसने उन व्यक्तियों को ताबीज बेचे थे, सकारात्मक परिणाम नहीं मिलने पर उन्होंने उसके साथ मारपीट की|



ADG ने कहा,''14-15 जून की रात को गाजियाबाद पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल से प्रेस विज्ञप्ति से स्पष्ट किया कि घटना व्यक्तिगत विवाद से हुई है। इसके बावजूद धार्मिक वैमनस्यता और प्रदेश में माहौल खराब करने के लिए 5 व्यक्ति और एक मीडिया ग्रुप ने अपने ट्वीट को डिलीट नहीं किया| ना ही सही तथ्यों का अपने अगले संदेश में उल्लेख किया। ट्विटर कॉरपोरेशन और ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने भी धार्मिक झूठे ट्वीट हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। इसलिए थाना लोनी में इन सबके खिलाफ सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया गया है|




वहीं बुधवार रात बुलंदशहर के अनूपशहर में अब्दुल समद ने कहा कि उन सभी ने मुझे बुरी तरह से पीटा, मेरी कनपटी पर तमंचा रखा और लगातार पीटते रहे। मुझसे जय श्रीराम के नारे लगवाए गए। ताबीज की बात सरासर गलत है। अनूपशहर अपने निवास स्थान पर बुधवार रात प्रेस वार्ता के दौरान अब्दुल समद लड़खड़ाती आवाज में अपनी बात रखते नजर आए। उन्होंने कहा कि उन आरोपियों ने उन पर तमंचा ताना और लगातार मारते रहे। इस दौरान आरोपियों ने जय श्रीराम के नारे भी मुझसे बुलवाए।




साथ ही प्यास लगने पर जब मैंने उनसे पानी मांगा तो आरोपियों ने पेशाब पिलाने की बात कही। साथ ही उन्होंने आरोपियों और पुलिस द्वारा तावीज और तंत्र मंत्र करने के आरोप लगाने वाले प्रकरण की बात को सिरे से नकारा। कहा कि हम लोग बढ़ई लोहार का काम करते हैं। ताबीज और तंत्र मंत्र से हमारा कोई लेना देना नहीं है। इस दौरान उनके पुत्र ने भी उक्त आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए मुख्यमंत्री व प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है



सूफी अब्दुल समद ने बताया कि वह आरोपियों को पहले से नहीं जानते हैं। यह पुलिस झूठा इलजाम लगा रही है। साथ उन्होंने बताया कि पिटाई करने वालों में कोई मुसलमान भी नहीं था|









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