नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जानकारी दी कि उन्होंने अमेरिकी कंपनी फाइजर और मॉडर्ना से वैक्सीन खरीदने की बात की लेकिन दोनों कंपनियों ने दिल्ली सरकार को वैक्सीन देने से मना कर दिया। कंपनियों का कहना है कि वो सीधा भारत सरकार के साथ डील करेंगे। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वो वैक्सीन इंपोर्ट करें और राज्यों को बांटे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि,हमारी मॉडर्ना और फाइजर से बात हुई, वो कहते हैं कि हम आपको वैक्सीन नहीं देंगे, हम केंद्र सरकार से बात करेंगे। हम पहले ही काफी समय गंवा चुके हैं, मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि केंद्र सरकार इनसे बात करके वैक्सीन आयात करे और राज्यों में बांटे|
उधर,''दिल्ली के उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि,''केन्द्र सरकार ने वैक्सीनेशन प्रक्रिया का मजाक बना कर रख दिया है। अमेरिका ने दिसंबर 2020 में फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन तीनों को मंजूरी दी। भारत में तीनों को अब तक मंजूरी नहीं दी गयी। ब्रिटेन ने Pfizer को को दिसंबर में मान्यता दे दी। लेकिन हमने अभी तक मान्यता नही दी।
सिसोदिया ने कहा कि,''रूस ने अगस्त 2020 में स्पूतनिक को मंजूरी दी थी, दिसंबर में मास वैक्सीनेशन शुरू कर दिया था। 2020 में हमारे देश की केन्द्र सरकार ने पहले स्पूतनिक को मंजूरी देने से मना कर दिया था जबकि उस समय तक 68 देश स्पूतनिक को मंज़ूरी दे चुके थे, हमने अप्रैल 2021 में जाकर मंजूरी दी है|
उन्होंने कहा,''- Pfizer - दुनिया के 85 देशों में मान्य।
- Moderna - दुनिया के 46 देशों में मान्य।
- J &J - 41 अन्य देशों में मान्य।
दुनिया के तमाम देशों ने इन वैक्सीन को मंजूरी देकर अपनी पूरी आबादी के लिए खरीद भी लिया, लेकिन हम अब तक मंजूरी भी न दे सके।
सिसोदिया ने कहा कि,''अमेरिका ने मार्च 2020 में ही ऑपरेशन 'वार्प सीड' के नाम से वैक्सीन के लिए 10 बिलियन डॉलर का निवेश कर दिया था, जबकि उस समय तक वैक्सीन पूरी तरह तैयार भी नहीं हुई थी। लेकिन हमारी केंद्र सरकार ने अप्रेल 2021 में जाकर यह किया और इतने महत्वपूर्ण महीने यूँ ही व्यर्थ गँवा दिए।
उन्होंने कहा,''प्रधानमंत्री मोदी जी ने पहली बार नवंबर 2020 में सीरम इंस्टीट्यूट का दौरा किया था। आखिर क्यों उसी समय सरकार ने भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट में निवेश नहीं किया? आखिर क्यों सरकार अप्रैल 2021 तक दोनों वैक्सीन उत्पादक कंपनियों को वित्तीय सहयोग देने का इंतजार करती रही|
उन्होंने कहा,''जब देश में कोरोना का हाहाकार मचा और वैक्सीन की क़िल्लत पर शोर मचा तो केन्द्र सरकार ने पल्ला झाड़ते हुए राज्य सरकारों से कहा कि ग्लोबल टेंडर निकालो और खुद वैक्सीन खरीदो। कोई राज्य भी वैक्सीन कैसे खरीदेगा जब केन्द्र सरकार ने दुनिया भर में बनी वैक्सीन को मंजूरी ही नहीं दी|
''''मैं हाथ जोड़कर केंद्र सरकार से विनती करता हूँ कि Vaccination Program को मज़ाक मत बनाइये, इसकी गंभीरता को समझिए। Pfizer, Moderna, J&J की Vaccines को कई देश खरीद रहे है और आप मंजूरी देने में अटके है। राज्यवर राजनीति से ऊपर उठिए और देश के लिए सोचिए।