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CM केजरीवाल ने की 'मिड डे मिल स्कीम' की शुरुआत, 6 महीनों के लिए छात्रों को दिया दिया जाएगा राशन किट

  • by: news desk
  • 29 December, 2020
CM केजरीवाल ने की 'मिड डे मिल स्कीम' की शुरुआत, 6 महीनों के लिए छात्रों को दिया दिया जाएगा राशन किट

नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील योजना में दिल्ली सरकार ने एक बड़ा बदलाव किया है| दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि अब से दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्रों के नाम पर उनके अभिभावकों को राशन दिया जाएगा| केजरीवाल ने कहा,''आज से बच्चों के लिए मिड डे मिल स्कीम की शुरुआत की जा रही है।  इसके तहत अगले 6 महीने के लिए बच्चों के पेरेंट्स को ड्राई राशन की किट दी जाएगी



दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''जब से कोरोना हुआ है तब से बच्चों को मिड डे मील नहीं मिल पाता है। आज से हम दिल्ली में बच्चों के माता-पिता को सूखा राशन देने की योजना शुरू कर रहे हैं अगले 6 महीने के लिए हर बच्चे को एक किट मिलेगा इसमें गेंहू, चावल,दाल, तेल है। 8 लाख परिवारों को इससे फायदा होगा



केजरीवाल ने कहा,'Lockdown का समय सबसे कठिन समय था। दिल्ली सरकार की तरफ से इस दौरान हर रोज 10 लाख लोगों को स्कूलों में खाना खिलाया गया और 1 करोड़ लोगों को ड्राई राशन दिया गया ताकि कोई भूखा ना सोए। आज से Mid Day Meal Scheme के तहत हर बच्चे को पिछले 6 महीने का राशन दिया जाएगा ताकि उसके पोषण में कोई कमी न हो।




ब्रिटेन से आए 6 लोगों के कोरोना के नए स्ट्रेन से संक्रमित मिलने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा,''दिल्ली में अब तक कोरोना की तीन लहर आ चुकी हैं। हम किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार हैं|




बता दें कि,' भारत में भी यूके वाले कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन की एंट्री हो गई है| यूनाइटेड किंगडम से भारत वापस आए 6 लोग कोरोना वायरस के नए यूके वेरिएंट जीनोम से संक्रमित पाए गए| इन सभी लोगों को सिंगल आइसोलेशन रूम में रखा गया है| इनके संपर्क में आए करीबी लोगों को भी क्वारंटाइन में रखा गया है|



25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच, लगभग 33,000 यात्री ब्रिटेन से विभिन्न भारतीय हवाई अड्डों पर पहुंचे। इन सभी यात्रियों का राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा आरटी-पीसीआर परीक्षण और उन्हें ट्रैक किया जा रहा है। अब तक केवल 114 लोग कोविड-19 पॉजिटिव मिले हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है।



गौरतलब है कि  25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच कुल 33,000 यात्री यूके से भारत के अलग-अलग एयरपोर्ट पर आए थे, जिनमें से अभी तक 114 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इनके सैंपल को जब जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया तो छह में नया स्ट्रेन मिला।




स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि राज्य सरकारों ने इन सभी लोगों को चिह्नित स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में अलग पृथक-वास (आइसोलेशन) कक्षों में रखा है और उनके संपर्क में आए लोगों को भी पृथक-वास में रखा गया है। इन लोगों के साथ यात्रा करने वाले लोगों, उनके परिवार के सदस्यों और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है। अन्य नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया जा रहा है।





मंत्रालय ने कहा, 'हालात पर निकटता से नजर रखी जा रही है और सतर्कता बढ़ाने, संक्रमण को रोकने, जांच बढ़ाने और नमूनों को आईएनएसएसीओजी प्रयोगशालाओं में भेजने के लिए राज्यों को नियमित सलाह दी जा रही है।' मंत्रालय ने कहा कि यह गौर करने वाली बात है कि सबसे पहले ब्रिटेन में मिला वायरस का नया स्वरूप डेनमार्क, हॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी पाया गया है।




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