चंडीगढ़: हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया। CM मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा सत्र के दौरान बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि ग्रुप ए और बी श्रेणी की सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति को प्रमोशन में आरक्षण मिलेगा। उन्होंने पदोन्नति में अनुसूचित जाति के लिए 20% आरक्षण की घोषणा की है|
सीएम ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए स्वैच्छिक है। हालांकि, योजना के नियम व दिशा निर्देशों के अनुसार, जिन्होंने ऋण लिया हुआ है, वे इस योजना के तहत पंजीकृत होने की अंतिम तिथि से 7 दिन पहले तक योजना का विकल्प चुन सकते हैं।
उन्होंने बताया कि 7 दिन पहले तक यदि किसान, जिसने ऋण लिया हो, उसने योजना से ऑप्ट- आउट नहीं किया है तो ऐसी स्थिति में ऋणी किसान का प्रीमियम काटा जाता है। अगर कोई किसान 7 दिन पहले तक ये सूचना देता है तो उनके प्रीमियम की राशि नहीं ली जाएगी।
अनुसुचित जाति को सरकारी नौकरी की A,B कैटेगरी में पदोन्नति में आरक्षण देने पर राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार समेत कई विधायकों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया। डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा के नेतृत्व में बीसी A वर्ग को निकाय चुनाव में आरक्षण बिल पर भी आभार जताया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया जनवरी - 2022 में शुरू की गई थी तथा अगस्त 2022 में सभी औपचारिकताओं व प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिये गए थे। उन्होंने कहा कि 941 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी किए गये थे, जिनमें से 808 चिकित्सा अधिकारियों द्वारा कार्यग्रहण कर लिया गया था। इसके अलावा, 10 दिन पहले ही 25 डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र दे दिए गए जो भी जल्द विभाग को मिलेंगे।
गृह मंत्री अनिल विज ने विधानसभा सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि नूंह की घटना में अब तक जो तफ्तीश हुई है, उसके तहत 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनकी भूमिका नजर आ रही है।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा में बताया कि अगर कोई व्यक्ति बाढ़ या ज्यादा बारिश के कारण आंशिक या पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए मकान की व्यक्तिगत जांच करवाना चाहता है तो एक माह में SDM को लिखित में रिपोर्ट दे सकता है। उसी के अनुसार सर्वे करवा दिया जाएगा। दुष्यंत चौटाला ने बताया कि बाढ़ के दौरान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए प्रत्येक घर का मुआवजा मैदानी क्षेत्र में ₹1.20 लाख तथा पहाड़ी क्षेत्र में ₹1.30 लाख सरकार द्वारा दिया जाता है। कोई छप्पर या झोपड़ी आदि के नष्ट होने पर ₹8000 मुआवजे के तौर पर सरकार द्वारा दिए जाते हैं।