मध्य प्रदेश चुनाव 2023: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा, "मप्र के हर गाँव, हर बस्ती, हर शहर के हर मतदाता तक अब ये बात फैल गयी है कि भाजपा बस दिखाने के लिए 2023 का विधानसभा का चुनाव लड़ रही है | दरअसल, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का लक्ष्य 2024 का लोकसभा चुनाव है, जिसमें भी उसे हार ही दिखाई दे रही है।''
कमलनाथ ने कहा,''भाजपा जानती है कि वो विधानसभा बुरी तरह हार रही है तो ऐसे में भाजपा के केंद्रीय चुनावी रणनीतिकारों ने ये सोचा कि जनता का आक्रोश और ग़ुस्सा 2024 से पहले ही 2023 में ही निकलकर कुछ कम हो जाए तो शायद 2024 में भाजपा अपनी शर्मनाक हार के अंतर को थोड़ा कम कर सके। इसीलिए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व विधानसभा चुनाव में अपने सांसदों को लड़वाने पर ज़ोर दे रहा है।''
पूर्व सीएम ने कहा,''जब विधानसभा चुनाव में ही ये सांसद हार जाएँगे तो इन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट न देने का बहाना ये कहकर मिल जाएगा कि जो भला विधानसभा नहीं जीत पाए तो वो लोकसभा क्या जीतेंगे, ऐसे में फिर नये प्रत्याशी लाकर भाजपा एन्टी इन्कम्बेन्सी को थोड़ा कम कर पायेगी। इसीलिए दिल्ली और भोपाल की भाजपा में एक अदृश्य युद्ध चल रहा है। भाजपा की आशीर्वाद यात्राओं से लेकर चुनावी मंचों तक ये आपसी मनमुटाव भाजपाई नेताओं के चेहरों और भाषणों में साफ़ झलक रहा है। भाजपा के नारों में आवाज़ है, विश्वास नहीं।''
आपको बता दें, 25 सितंबर, 2023 को भाजपा ने आगामी मध्य प्रदेश चुनाव के लिए 39 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की थी। भाजपा की दूसरी सूची में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत कई सांसदों को टिकट दिया गया है। केंद्रीय मंत्रियों में नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रह्लाद सिंह पटेल के भी नाम हैं । इससे पहले ,भाजपा ने पहली लिस्ट में भी 39 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी|''