बस्ती: बस्ती जिले के वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के गनेशपुर निवासी 44 वर्षीय विनोद सोनी हत्याकांड का खुलासा हो गया है| विनोद सोनी की डूबने से मौत नहीं हुई थी बल्कि उसकी पत्नी गुड़िया ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कराई थी। थाना वाल्टरगंज पुलिस ने आज शनिवार को थाना छावनी क्षेत्रान्तर्गत सदलपुर गांव के पास सरयू नदी में मिले विनोद सोनी के शव का खुलासा कर आरोपी पत्नी समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है|
थाना वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के गनेशपुर निवासी विनोद सोनी 14 नवंबर से लापता था| काफी खोजबीन के बाद जब विनोद सोनी के परिवार के लोग उससे संपर्क नहीं कर पाए तो उसके बेटे विनय ने 15 नवम्बर को वाल्टरगंज थाने में अपने पिता की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी। गुमशुदगी की शिकायत दर्ज होने के 3 दिन बाद यानी 18 नवम्बर, छावनी पुलिस को सदलपुर गांव के पास सरयू नदी में एक शव मिला| उसकी शिनाख्त शव के पास मिले मोबाइल के आधार पर हुई|
जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि मृतक विनोद की पत्नी गुड़िया के उसके चचेरे बहनोई जगन्नाथ प्रसाद वर्मा के साथ लंबे समय से संबंध थे।प्रेमिका गुड़िया के कहने पर चचेरे बहनोई जगन्नाथ प्रसाद वर्मा ने अपने घर पर काम करने वाले 2 मजदूरों विमलेश और राजन के साथ मिलकर उसकी गला दबाकर हत्या की थी। मृतक की पत्नी गुड़िया, उसके बहनोई जगन्नाथ सहित अन्य दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने न्यायालय में पेश किया। जहां से सभी को जेल भेज दिया।
आरोपी बहनोई जगन्नाथ प्रसाद वर्मा पुत्र रामकेवल थाना कोतवाली क्षेत्रान्तर्गत हटवा शुक्ल गांव का निवासी है| जबकि विमलेश पुत्र त्रिलोकी और राजन पुत्र हरिराम थाना नगर के क्षेत्रान्तर्गत ग्राम कुसमौर निवासी है|
पुलिस के मुताबिक,''विनय सोनी पुत्र विनोद सोनी द्वारा 15 नवम्बर को थाना वाल्टरगंज पर लिखित सूचना दिया गया कि 14 नवंबर को समय करीब 05:00 बजे शाम को उसके पिता विनोद सोनी घर से कहकर निकले थे कि कुछ सामान लेने बस्ती जा रहा हूँ व जीजा जगन्नाथ से भी मिलना है क्योकि वह बुलाये हैं जोकि अभी तक घर वापस नहीं आए जिसके सम्बन्ध में थाना वाल्टरगंज पर गुमशुदगी दर्ज कर तलाश की जा रही थी |
15 नवम्बर को विनोद सोनी की मोटर साईकिल कचहरी बस्ती से मिला था जहाँ विनोद सोनी के बहनोई जगन्नाथ काम करते है |18 नवम्बर को विनोद सोनी की लाश सदलपुर के पास सरयू नदी में मिली थी, जिसके शव को थाना छावनी पुलिस द्वारा पुलिस कब्जा मे लेकर पंचायतनामा भरकर पोस्टमार्टम की कार्यवाही की गयी थी |
25 नवम्बर को मृतक विनोद सोनी के भाई जमुना प्रसाद द्वारा थाना वाल्टरगंज पर लिखित तहरीर दिया कि मेरे भाई विनोद की पत्नी गुड़िया का नाजायज सम्बन्ध उसके जीजा जगन्नाथ से था जिन्होंने मिलकर मेरे भाई की हत्या की है |
पूछताछ में जगन्नाथ प्रसाद वर्मा (मृतक का चचेरे जीजा) व अभियुक्ता गुड़िया द्वारा बताया गया कि हम लोगों के बीच प्रेम सम्बन्ध था जिसके सम्बन्ध में विनोद को जानकारी हो गई थी जिससे वह मेरे ऊपर (गुड़िया) कही भी आने-जाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था । हम दोनों चोरी-चोरी बात करते थे और समय मिलने पर मिलते थे | दोनों को इस तरह से घुट कर जिना अच्छा नहीं लग रहा था, जिस पर हम दोनों ने विनोद को रास्ते से हटाने के बारे में योजना बनाए| विमलेश व राजन के साथ मिलकर बात कर उन्हें पैसे व आवास दिलाने का लालच देकर विनोद को ठिकाने लगाने के लिए तैयार कर लिए थे |
मैं (जगन्नाथ) न्यायालय में प्राइवेट में काम करता था और जानता था कि मोबाइल के लोकेशन से पुलिस पकड़ लेती है इसलिए 13 नवम्बर शाम को ही अपना मोबाइल स्वीच ऑफ़ कर दिया था। 14 नवम्बर की सुबह मैं विमलेश व राजन के घर जाकर उन्हें एक लिफाफे में 10-10 हजार रूपया एडवांस में देने के बाद ....बस्ती लाकर विनोद की गला दबाकर मारने के लिए चौधरी आटो मोबाइल मूड़घाट से एक क्लच वायर खरीदकर दे दिया |
मैं विमलेश व राजन को शाम को समय करीब 05:00 बजे अपने गाड़ी मे बैठाया और जब विनोद मुझसे मिलने आया तो उसकी गाड़ी को कचहरी मे खड़ी करवा कर पकौड़ी चौराहे पर उसे (विनोद को) अपनी कार स्विफ्ट डिजायर गाड़ी संख्या-UP-53-DH-5232 में अगली सीट पर बैठाकर स्वयं गाडी चलाने लगा| जिसकी पिछली शीट पर विमलेश व राजन पहले से बैठे हुए थे |
हम लोग बस्ती से निकलकर मूड़घाट पर शराब खरीदे फिर वहाँ से सीधे पवन सिंह आर्मी ढाबा पचवश पहुंचे जहाँ पर बिरयानी खाकर विनोद को ज्यादा शराब पिलाये और जब विनोद पूरी तरह से नशे में हो गया तो हम सभी विनोद को पुनः गाड़ी में उसी तरह बैठाकर अयोध्या पुल पर पहुंचकर गाड़ी रोककर मैंने विनोद का मुँह दबाया और विमलेश व राजन ने उसके गले में क्लच वायर लपेटकर कसने ही वाले थे कि विनोद वेहोश हो गया | हम तीनों ने विनोद को बेहोशी हालत में गाड़ी चलाकर बीच पुल पर ले जाकर विनोद को पुल पर खड़ा कर इधर-उधर देखे कि कोई गाड़ी नहीं आ रही है तो झट से विनोद को अयोध्या पुल से सरयू नदी मे फेंक कर वहाँ से चले आये थे |