बस्ती: उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल के नेतृत्व में शनिवार को संघ पदाधिकारियों, शिक्षकों ने 10 सूत्रीय मांगों को लेकर जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा। मांग किया कि समस्याओं का प्रभावी निराकरण कराया जाय।
ज्ञापन देने के बाद संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल ने बताया कि शिक्षकों के समायोजन 30 जून के छात्र संख्या के आधार पर विभाग द्वारा किया जा रहा है जो पूर्णतया अव्यवहारिक है। 20 मई से 30 जून तक विद्यालय बंद रहते हैं। छात्रों का प्रवेश नगण्य रहता है।
31 जुलाई की छात्र संख्या के आधार पर हो समायोजन
जुलाई में स्कूल चलो अभियान के बाद विद्यालयों में छात्र संध्या बढी है इसलिये 31 जुलाई के छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों का समायोजन किया जाय। सभी रिक्त विद्यालयों को खोलकर सरप्लस शिक्षकों को समायोजित किया जाय।
10 सूत्रीय मांग
भेजे ज्ञापन में 69000 शिक्षकों के सूची के साथ छेड़छाड न किये जाने, जिन अभ्यर्थियों का नाम सूची से छूट गया है उनको प्रदेश के रिक्त विद्यालयों के सापेक्ष समायोजित करने, भारत सरकार द्वारा घोषित यूपीएस में ओपीएस के प्राविधानों को समाहित करते हुये शासनादेश जारी किये जाने, कोरोना काल के कर्मचारी, शिक्षकों का फ्रीज डीए बहाल किये जाने, मानव सम्पदा पर शिक्षकों के ई.एल. अवकाश फीड किये जाने, कानवेन्ट की तुलना में परिषदीय विद्यालयों के छात्रों के बैठने हेतु डेस्क, बेंच उपलब्ध कराने, प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय एवं सहायक अध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय तथा सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय की वरिष्ठता सूची जारी कर पदोन्नति किया जाय।
31 मार्च 2002 के शासनादेश के अनुसार जी.पीएफ. जमा का सिस्टम बदलकर खाता संख्या 8338 की जगह 8009 में भेजा गया। खाता संख्या 8338 की धनराशि 8009 खाते में जमा होना था जिसे अभी तक जमा नहीं किया गया जिससे सेवा निवृत्त होने वाले शिक्षकों का भुगतान बाधित हो रहा है। जमा राशि का व्याज लगाकर उक्त खाते में धनराशि भेजकर भुगतान कराये जाने आदि की मांग शामिल है।
संघ के जिला मंत्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश के अधिकांश जनपदों में स्वीकृत एवं रिक्त पदों के सापेक्ष पदोन्नति सूची अपलोड किया गया है किन्तु बस्ती जनपद में शासनादेश के बावजूद यह प्रक्रिया जान बूझकर बाधित की जा रही है। शिक्षक इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिलेश मिश्र, कोषाध्यक्ष अभय सिंह यादव, ओम प्रकाश पाण्डेय, रजनीश मिश्र, आशुतोष पाण्डेय, रक्षाराम वर्मा, नरेन्द्र द्विवेदी, राम स्वरूप, मंजेश राजभर, रविप्रताप सिंह, गौरव सिंह, विनोद कुमार, दिग्विजयनाथ यादव, सत्येन्द्र सिंह ‘सोनू’, सन्तोष कुमार, राजेश चौधरी के साथ ही अनेक शिक्षक मौजूद रहे.
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बता दें, 69000 सहायक शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाला मामले में राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार 17 अगस्त, 2024 को 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती-2028 को रद्द कर दिया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार को 3 महीने के अंदर राज्य में 69,000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नई चयन सूची तैयार करने का निर्देश दिया है।इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस बड़े फैसले से पिछले चार साल से शिक्षक पद पर नौकरी कर रहे अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। अब इस भर्ती की नई मेरिट लिस्ट आएगी।
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बता दें कि, यूपी सरकार ने 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए दिसंबर 2018 में विज्ञापन जारी किया था और जनवरी 2019 में परीक्षा आयोजित की गई थी। इस भर्ती में 4 लाख 10 हजार उम्मीदवारों ने भाग लिया था, जिसमें से 1 लाख 40 हजार उम्मीदवार सफल हुए थे। इसके बाद सरकार ने मेरिट लिस्ट जारी की...मेरिट लिस्ट आते ही हंगामा मच गया|
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि 19 हजार पदों पर आरक्षण घोटाला हुआ है| उनका आरोप था कि ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी की जगह सिर्फ 3.86 फीसदी आरक्षण मिला, जबकि अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग को 21 फीसदी की जगह 16.2 फीसदी आरक्षण मिला| इसको लेकर हंगामा शुरू हुआ तो सरकार ने आरक्षण घोटाले से इनकार कर दिया| इस मामले में यूपी सरकार कहती रही कि अभ्यर्थियों का चयन आरक्षण श्रेणी से किया गया है|
जिसके बाद, अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और बाद में हाई कोर्ट पहुंच गए| हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने भी माना कि भर्ती में आरक्षण घोटाला हुआ है और फिर से पूरी मेरिट जारी होनी चाहिए|