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बस्ती: गैंगरेप का आरोपी बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद चढ़ा STF के हत्थे, कोतवाली में साध्वियों ने दर्ज कराया था रेप का मुकदमा

  • by: news desk
  • 01 July, 2021
बस्ती: गैंगरेप का आरोपी बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद चढ़ा STF के हत्थे,  कोतवाली में साध्वियों ने दर्ज कराया था रेप का मुकदमा

● बलात्कारी बाबा चढ़ा STF के हत्थे।

● बलात्कारी बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद चढ़ा STF के हत्थे।

● बस्ती जिले के कोतवाली में साध्वियों ने दर्ज कराया था रेप का मुकदमा।

● मुकदमा दर्ज होने के बाद फरार चल रहा था बाबा।

● बलात्कारी बाबा के ऊपर 50 हज़ार रुपये का इनाम था घोषणा।



बस्ती: बस्ती संत कुटीर आश्रम में युवतियों से यौन शोषण के मामले में नामजद बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद को यूपी STF ने बुधवार को अमरोहा से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के एसपी हेमराज मीणा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उसे बस्ती पुलिस टीम को सौंप दिया गया है। दयानंद साढ़े तीन वर्ष से फरार चल रहा था। उसके दो साथी पहले गिरफ्तार हो चुके हैं।




बलात्कारी बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित था। वह अमरोहा के गजरौला थाना क्षेत्र में ब्रजघाट पुलिस चौकी के ठीक पीछे अद्वैत स्वरूप महिला संत आश्रम बनाकर बाबा के रूप में छुपा हुआ था।



एसपी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि 20 दिसंबर 2017 को सच्चिदानंद और अन्य पर बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म करने व अन्य संगीन धाराओं में कोतवाली में केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह दबिश दीं मगर वह नहीं मिला। आश्रम की कुर्की तक हुई और 50 हजार का इनाम घोषित किया गया लेकिन बाबा हाथ नहीं लगा। बाबा सच्चिदानंद का एक शिष्य परमचेतानंद और सेविका उर्मिला बाई को पाचं अगस्त 2018 में बभनान रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया था।




बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद के गिरफ्तारी के संबंध में क्षेत्राधिकारी सदर आलोक प्रसाद ने बताया कि,''STF लखनऊ व थाना कोतवाली टीम द्वारा  50,000/- रूपये के इनामिया/मफरूर अभियुक्त सच्चिदानन्द उर्फ दयानन्द उर्फ भगतानन्द उर्फ प्रशान्त कुमार उर्फ सन्त कुमार पुत्र सोमर शाह (निवासी मीठापुर गया गुमटी परमा बिहार) को गिरफ्तार कर आवश्यक विधिक कार्यवाही पूर्ण कर मा0 न्यायालय बस्ती रवाना किया गया।




गौरतलब है कि,''बाबा सचिदानंद के खिलाफ वर्ष 2017 में बस्ती जिले में सदर कोतवाली में गैंगरेप और रेप के दो मुकदमे दर्ज हुए थे। मुकदमा दर्ज होने के बाद वह फरार हो गया था। इसके बाद उसने अमरोहा की ब्रजघाट पुलिस चौकी के ठीक पीछे गंगा किनारे अद्वैत स्वरूप महिला संत आश्रम बना लिया था। झारखंड और बिहार में भी उसके आश्रम बताए जा रहे हैं।



अमरोहा के अपर पुलिस अधीक्षक अजय प्रताप सिंह ने बताया कि गैंगरेप के मामले में फरार चल रहे सचिदानंद को एसटीएफ लखनऊ की टीम ने हाईवे पर जोया के पास से पकड़ा है। वह ब्रजघाट में आश्रम चलाता था। इंस्पेक्टर गजरौला सतेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि एसटीएफ द्वारा सचिदानंद को पकडे जाने के बाद पुलिस ने आश्रम जाकर वहां मिली कुछ महिलाओं से पूछताछ की है। महिलाओं ने बताया कि सचिदानंद काफी दिन से आश्रम नहीं आया था।





गौरतलब है कि,''दिसंबर 2017 में यौन शोषण का मामला तब प्रकाश में आया था, जब आश्रम से कुछ युवतियों को धक्के मारकर निकाल दिया गया। इसके बाद युवतिया रात में एसपी दफ्तर पहुंचीं। वहां तत्कालीन कोतवाल विजयेंद्र सिंह महिला पुलिस के साथ पहुंचे और पीड़ितों को बयान के लिए कोतवाली ले गए। तत्कालीन एसपी संकल्प शर्मा के निर्देश पर देर रात कथित बाबा के अलावा उसके तीन शिष्यों परमचेतानंद, विश्वासानंद, ज्ञान वैराग्यानंद तथा दो मुख्य सेविकाओं पर 2008 से लगातार यौन शोषण व सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज किया गया।



पीड़ित महिलाओं का आरोप था कि सत्संग व प्रवचन के नाम पर महिलाओं और कम उम्र की लड़कियों को आश्रम में बुलाया जाता था। उनमें से कुछ लड़कियों को साध्वी का दर्जा देकर आश्रम में रख लिया जाता था। उन्हें अनुष्ठान के जरिए विशेष कृपा दिलाने का दिलासा देते थे। उनका विश्वास जीतने के बाद दिल्ली स्थित आश्रम के मुख्यालय अथवा यहां के कथित बाबा व चेलों के निर्देश पर अलग-अलग शहरों में प्रवचन- सत्संग के बहाने भेजकर उनका यौन शोषण किया जाता था।






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