बस्ती: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिलें में महुआडाबर गांव देश की आजादी की लड़ाई का गवाह है। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यहां के रणबांकुरों ने अंग्रेजी हुकूमत की नींद उड़ा दी थी। महुआडाबर गाँव के लोगों नें अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया था। उनकी आवाज दबाने पहुंचे छह अंग्रेज अफसरों को मौत के घाट उतारने में महुआडाबर गांव के लोगों नें जरा सा भी हिचक नहीं किया।
गणतंत्र दिवस पर जिलें के बहादुरपुर ब्लाक के महुआडाबर गांव में स्वतंत्रता संग्राम के रणबांकुरे की याद में प्रदर्शनी रखा गया है| शहीदों की याद में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन महुआडाबर में स्वतंत्रता संग्राम के रणबांकुरे की याद में सलामी और फोटो प्रदर्शनी का कार्यक्रम सुबह 11:00 बजे रखा गया है|
क्रांतिवीर पिराई खा स्मृति के संस्थापक व कार्यक्रम के संयोजक आदिल खान ने बताया,''कोरोना गाइडलाइन के दृष्टि से आयोजन किया जा रहा है | क्रांतिवीर पिराई खा भारतीय जंग ए आंदोलन के महान योद्धा रहे1857 के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी एक आवाज पर हजारों लोग निकल पड़ते थे| उनकी अगुवाई में हुए सशस्त्र संघर्ष को महुआ डाबर एक्शन के नाम से जाना जाता है|