बस्ती: गबन के आरोप में पूर्व प्रधान विजय लक्ष्मी चौधरी गिरफ्तार, आठ माह से चल रही थी फरार
बस्ती: पच्चीस हजार रुपये की इनामी आरोपी पूर्व प्रधान ग्राम पंचायत पोखरभिटवा विजयालक्ष्मी चौधरी को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। बस्ती पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने गबन के आरोप में आठ माह से फरार चल रही पूर्व प्रधान विजय लक्ष्मी चौधरी को मुंडेरवा बाजार से गिरफ्तार कर लिया है।
मुंडेरवा बाजार निवासी राजमणि चौधरी के घर के पास से एसटीएफ और थानाध्यक्ष वाल्टरगंज ने अभियुक्ता विजय लक्ष्मी चौधरी को गिरफ्तार किया| बहुचर्चित ग्राम पंचायत पोखरभिटवा विकास खंड सल्टौआ गोपालपुर में हुए 10 लाख रुपये के घोटाले के मामले में पूर्व प्रधानविजय लक्ष्मी चौधरी दोषी हैं।
सरकारी धन के गबन संबंध में थाना वाल्टरगंज में एफआईआर दर्ज है। पुलिस ने तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी राजन चौधरी, तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी/सचिव रमाकांत वर्मा, ग्राम विकास अधिकारी/सचिव निशात अफरोज, मनरेगा तकनीकी सहायक अशोक कुमार चौधरी व पूर्व प्रधान विजय लक्ष्मी चौधरी के विरुद्ध 19 फरवरी 2023 को गबन का मुकदमा दर्ज किया था|
बताते चले कि वाल्टरगंज पुलिस ने ग्राम पंचायत पोखरभिटवा विकासखंड सल्टौवा गोपालपुर के विकास कार्यों में अनियमितता किए जाने के संबंध में 19 फरवरी 2023 को पूर्व प्रधान, सचिव व तकनीकी सहायक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था।
पोखरभिटवा ग्राम पंचायत के बिशुनपुर निवासी अजीत प्रताप सिंह ने जिलाधिकारी से वर्ष 2015 से 2020 तक ग्राम पंचायत में विकास कार्यों में अनियमितता बरते जाने व सरकारी धन का गबन कर लिए जाने की शिकायत की थी| शिकायतकर्ता अजीत प्रताप सिंह ने कहा कि इनके पूर्व ग्राम प्रधान के ऊपर10 लाख 47 हजार के गमन पर मुकदमा दर्ज हुआ था लेकिन इनके ऊपर अभी 5 लाख से ऊपर के गमन का मामला अतिरिक्त आया है।
विकास खण्ड सल्टौवा के सहायक विकास अधिकारी पंचायत शिव कुमार लाल ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ था । जिसमें कहा गया था कि पूर्व प्रधान विजय लक्ष्मी, तत्कालीन सचिव राजन चौधरी, निशांत, अफरोज ग्राम विकास अधिकारी/सचिव, रमाकांत वर्मा तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी/सचिव व अशोक कुमार चौधरी तत्कालीन तकनीकी सहायक मनरेगा ने मिलकर 10 लाख 47 हजार 564 रुपये गबन कर लिया।
वर्ष 2018-19 के दौरान तत्कालीन ग्राम प्रधान, सचिव और अन्य लोगों ने मिलकर मनरेगा के तहत फर्जी तरीके से उक्त रकम की निकासी कर ली थी। शिकायत होने पर जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने यह रकम सभी से वसूल करके अनुशासनात्मक व कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
