बस्ती: पुरानी पेंशन सभी शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का हक है। इसे सरकार को बहाल करना ही होगा क्योंकि आज सभी शिक्षक, कर्मचारी जाग गये हैं उन्हें मालूम हो गया है कि उनका हित पुरानी पेंशन योजना में ही सुरक्षित है। सरकार देश के सरकारी कर्मचारियों को भ्रमित करने के लिए ही एक नई ‘ यूनीफाइड पेंशन योजना’ लेकर आई है, जो उनके साथ छलावा है। इस योजना का व्यापक विरोध पूरे देश में हो रहा है। उक्त बातें उ. प्र. सीनियर बेसिक शिक्षक संघ शाखा-बस्ती के तत्वावधान में प्रेस क्लब-बस्ती के सभागार में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्रवण कुमार सिंह ने कहा।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष ओंकार सिंह ने कहा कि 2006 में अनुदान पर आये विद्यालयों के ऐसे शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी जिनकी नियुक्ति 01-04-2005 से पूर्व हुई है वह पुरानी पेंशन के नियमतः हकदार होते हुए भी उससे वंचित रहे हैं। उन्हें उनकी नियुक्ति तिथि से तो सम्पूर्ण सेवालाभ मिला है लेकिन पेंशन की बात आने पर उन्हें 01-04-2005 के बाद का शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी मान लिया गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। वर्तमान सरकार ने ऐसे शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को पुरानी पेंशन हेतु विकल्प पत्र भरने का आदेश निर्गत किया है और हमें उम्मीद है कि ऐसे शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के साथ ही सबकी पुरानी पेंशन बहाल होगी क्योंकि सभी सरकारी कर्मचारियों का नारा है, एक देश, एक संविधान, एक पेंशन योजना।
महामंत्री शिवशंकर पाण्डेय ने कहा कि यूनीफाइड पेंशन योजना एन पी एस से भी खराब योजना है। इसमें शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का जो दस प्रतिशत अंशदान काटा जायेगा, वह उसे कभी नहीं मिलेगा। इस योजना में पेंशन का निर्धारण अंशदान कटौती की तिथि से होगा, न कि नियुक्ति तिथि से। साथ पूरी पेंशन पाने के लिए सेवाकाल को बीस वर्ष से पच्चीस वर्ष करना भी न्यायोचित नहीं है। हमें पुरानी पेंशन ही चाहिए।
संरक्षक वीरेंद्र मिश्र ने कहा कि हमें हर प्रकार के संघर्ष के लिए तैयार रहना है और अपने वोट का प्रयोग बुढ़ापे की लाठी के लिए करना होगा। उदयभान सिंह ने कहा कि जब तक पुरानी पेंशन योजना बहाली नहीं हो जाती जब-तक हमारी लड़ाई चलती रहेगी।
भूपेन्द्र प्रताप सिंह ने सभी नवनियुक्त शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का आह्वान किया कि वे एन पी एस एवं यू पी एस के भ्रम में न पड़कर ओपीएस की लड़ाई को परिणाम तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभायें। धर्मराज यादव ने सेवानिवृत्ति हो चुके पेंशनविहीन साथियों के दर्द को साझा करते हुए सरकार से मांग किया कि सभी की पुरानी पेंशन बहाल हो। धर्मराज चौधरी ने सरकार द्वारा 01-04-2005 के पूर्व विज्ञापित पदों के आधार पर पुरानी पेंशन विकल्प पत्र भराये जाने को लेकर उम्मीद जताया है कि हमारी पुरानी पेंशन हमें जरूर मिलेगी।
लखपत सिंह ने संगठन की एकता पर बल देते हुए कहा कि पुरानी पेंशन के मुद्दे पर हम सभी को एक होकर लड़ाई लड़ना होगा। नेबूलाल यादव ने बैठक को संबोधित करते हुए पुरानी पेंशन योजना को बेहतर बताते हुए मांग किया कि सरकार सभी के लिए पुरानी पेंशन बहाल करे।
बैठक में कृष्णकांत शुक्ल, राहुल सिंह, सर्वेश पाण्डेय, लवकुश शुक्ल, सत्येन्द्र बहादुर पाल, रामानन्द वर्मा, राजेश कुमार उपाध्याय, राजेन्द्र प्रसाद दुबे, परशुराम निषाद, राममूर्ति वर्मा, रामनरेश मौर्य, रामकरन पाल, संतराम यादव, नरसिंह, गंगाराम वर्मा, रामतौल, विजय बहादुर सिंह, चिंतामणि, रीतेश कुमार श्रीवास्तव, राम स्वारथ सिंह, दीपक श्रीवास्तव, विजय कुमार सिंह, राममूर्ति यादव, परवेज आलम, भानु प्रताप शुक्ल, रवि प्रकाश, मुकेश सिंह, फूलचंद चौधरी, हीरालाल चौधरी, मनोज कुमार सिंह, सूर्य प्रकाश, रवि कुमार गौतम, जयवीर सिंह, कृष्ण कुमार द्विवेदी, शैलेन्द्र कुमार उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजेन्द्र सिंह ने किया।
रिपोर्ट- शिव कुमार चौधरी