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जिला अस्पताल व कैली में ही अब तक बस्ती जिले से 300 लोगो की कोरोना से जा चकी है जान: भाजपा MLA ने CM योगी को लिखी एक और चिट्ठी, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य पर लगाए गंभीर आरोप

  • by: news desk
  • 09 May, 2021
जिला अस्पताल व कैली में ही अब तक बस्ती जिले से 300 लोगो की कोरोना से जा चकी है जान: भाजपा MLA ने CM योगी को लिखी एक और चिट्ठी, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य पर लगाए गंभीर आरोप

बस्ती: BJP विधायक संजय जयसवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा एक और पत्र । विधायक संजय प्रताप जयसवाल ने मुख्यमंत्री योगी से महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज बस्ती के प्राचार्य द्वारा किए गए अनियमितता का उच्च स्तरीय टीम गठित कर जांच कराने की मांग की। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के व्यवहार कार्यशैली अस्पताल में व्यवस्थाओं को संचालित करने में असमर्थता का जिक्र, मेडिकल कॉलेज से संबद्ध ओकेप चिकित्सालय में चिकित्सकों कभी कभार मरीजों को देखने आने का भी जिक्र।



प्राचार्य का अस्पताल के डॉक्टरों व मरीजों के तीमारदारों के साथ ही इनका व्यवहार अमर्यादित रहता है| जिससे आहत होकर हाल में ही जिलाधिकारी के समक्ष डॉक्टरों ने सामूहिक रुप से इस्तीफा भी दिया था| इसके पहले भी विधायक संजय प्रताप जयसवाल सीएम को लिख चुके है कई पत्र।




CM योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में विधायक संजय प्रताप ने कहा कि,'' जिला चिकित्सालय बस्ती में कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए सरकार द्वारा ओपीडी बन्द करने का निर्देश जारी किया गया था। वह इसलिए कि आपातकालीन परिस्थिति में भर्ती किये गये मरीजो को डाक्टरो के द्वारा बेहतर चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराया जा सके। जबकि सत्यता यह है कि इमेरजेन्सी की एक शिफ्ट में केवल एक इएमओ एवं दो फार्मासिस्ट के हवाले इमेरजेन्सी संचालित हो रही है। 




ओपीडी में तैनात एक ईएमओ केवल रेफर टू हायर सेन्टर एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने/ भरने में उसका समय व्यतीत हो जा रहा है। ईएमओ मरीजो प्रत्येक मरीजो तक नहीं पहुंच रहा है, जिससे इलाज के अभाव में चिकित्सालय में आये मरीजो की मृत्यु हो रही है। जबकि ओपीडी के अन्य डाक्टर अस्पताल में नही बैठ रहे परन्तु अपने घर पर/ अपने निजी नर्सिंग होम/ प्राईवेट अस्पतालों में धडल्ले से पांच सौ से आठ सौ रूपये तक फीस लेकर मरीज देखने का कार्य कर रहे है|



विधायक संजय प्रताप ने कहा कि,''जिला चिकित्सालय के इमरजेन्सी वार्ड में पर्याप्त ऑक्सीजन एंव कोविङ-19 में प्रयोग होने वाली दवाईयों की व्यवस्था नहीं है, जिस कारण से मरीज के तीमारदार स्वयं के महंगे खर्चे से ऑक्सीजन सिलिण्डर एवं दवाईया लाकर अपने मरीजो का जान बचाने में निरन्तर प्रयास कर रहे है। जिला चिकित्सायल में स्थापित छह मिनी वेन्टीलेटर, चिकित्सक/ चिकित्साकर्मी के अभाव में संचालित नही हो रही है। वेन्टीलेटर पर यदि किसी मरीज को रखा भी गया है तो वहा डाक्टरो की उपस्थिति नही है, तीमारदार स्वयं स्वविवेक के अनुसार अपने मरीजो की देखभाल कर रहा है। 



चिकित्सालय में एन्टीजन टेस्ट करने की किट भरपूर मात्रा में न होने के कारण सिर्फ इमरजेन्सी में भर्ती मरीजो की ही जांच की जा रही है, अन्य मरीजो की सिर्फ आरटीसीसीआर जांच हो रहा है, जिसका रिपोर्ट आने में करीब एक सप्ताह लग जा रहा है। जबकि मरीज को तुरन्त परिणाम की आवश्यकता है, जिससे उसका इलाज/ चिन्हित किया जा सके। अतः आपसे सादर निवेदन है कि उपरोक्त प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए जिला चिकित्सालय में व्याप्त कमियों को पूर्ण कराने हेतु संबंधित को निर्देशित करने की कृपा करें। जिससे ऑक्सीजन एवं जाचं के अभाव में मरीजो की जान न जाय।




● ओपीडी में तैनात एक ईएमओ केवल रेफर टू हायर सेंटर एवं मृत्युप्रमाण पत्र भरने का समय व्यतीत हो जा रहा है

● इलाज के अभाव में जिला चिकित्सालय में आए मरीजों की मृत्यु हो रही है|

● निजी नर्सिंग होम प्राइवेट, अस्पतालों में धड़ल्ले से 5 सौ से 8 सौ तक की फीस लेकर मरीज देखने का कार्य डक्टर कर रहे हैं|

● जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पर्याप्त आक्सीजन एवं कोविड-19 में प्रयोग होने वाली दवाइयों की व्यवस्था नहीं है|

● मरीज के तीमारदार स्वयं के मांहगे खर्च से ऑक्सीजन सिलेंडर एवं दवाइयां लाकर अपने मरीजों को जान बचाने में निरंतर प्रयास कर रहे हैं|

● जिला अस्पताल में स्थापित 6 मिनी वेंटिलेटर चिकित्साकर्मी के अभाव में संचालित नहीं हो रही है|

● तीमारदार स्वयं स्वविवेक के अनुसार अपने मरीजों की देखभाल कर रहा है|







महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कालेज, बस्ती के प्राचार्य द्वारा किये गये अनियमितता का उच्च स्तरीय टीम गठित कर जांच कराने की मांग



पत्र में CM योगी आदित्यनाथ से BJP विधायक ने कहा कि, महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कालज वशिष्ठ मेडिकल कालेज बस्ती के द्वारा आम जन एवं अखबारों में प्रकाशित समाचार के माध्यम से कई अनियमितताएं मुझे प्राप्त हुई है|जो निम्नवत है



1. प्राचार्य के व्यवहार, कार्यशैली, अस्पताल के व्यवस्थाओं को संचालित करने में अस्मर्थता।

 2. मेडिकल कालेज के सम्बद्ध ओपेक चिकित्सालय में चिकित्सको द्वारा कभी कभार ओपीडी व मरीजों को देखने आते है। 

3. प्राचार्य अस्पताल के डाक्टरो, मरीजो एवं तीमारदारो के साथ इनका व्यवहार अमर्यादित रहता है। जिससे आहत आकर जिलाधिकारी के समक्ष हाल ही में डाक्टरो ने सामूहिक रूप से इस्तीफा भी दिया था। 

4. भर्ती कोरोना से संक्रमित मरीजो को ऑक्सीजन की समस्याएं आ रही है, जिससे जिला चिकित्सालय एवं कैली अस्पताल में अबतक जनपद से लगभग 300 लोगो की कोविड से जान जा चकी है।। 



5 प्राचार्य द्वारा सहयोगी दन्त चिकित्सक को क्रय अधिकारी बनाया गया है जो अनुभव के अभाव में करोडो का अनउपयोगी दवाई खरीद की जाती है।

6. गैस पाइप लाइन भी तक परा नहीं हो सका है, जिससे बावत जिला प्रशासन के आंकाड़ो को भी प्राचार्य द्वारा गुमराह किया जाता है। 



7. करीब ढाई वर्ष बीत जाने के बावजूद मेटेनेन्स कार्य लांड्री, किचन सफाई, एवं कैन्टीन तथा अन्य कार्यों का कोई टेण्डर नही किया गया। ऑक्सीजन सप्लाई बीएमडब्ल्यू एवं फायर का कार्य भी रोका गया है।

8. अस्पताल में आउटसोर्स आदि से जितनी भी नियक्तियां की गयी वह शासनादेशो का पालन किये बिना भ्रष्टाचार करते हुए की गयी। 



9. मरीजों को भर्ती कराने गए जनप्रतिनिधियों के प्रति व्यवहार अमर्यादित रहता है।


10. अस्पताल में वेन्टीलेटर ऑपरेटर एवं अन्य संविदा कर्मचारियों को समय से वेतन न मिलने पर आये दिन कर्मचारी लामबन्द होते है, जिसका प्रभाव अस्पताल एवं मरीजो पर पड़ता है 




12. अस्पताल में रखे आक्सीजन सिलिण्डर के बादवजूद तीमारदारा द्वारा पूछन पर बताया जाता है कि ऑक्सीजन का सिलिण्डर जिलाधिकारी के आदेश पर ही लगाया| ऐसे में हर तीमारदारो की पहुच डीएम तक नही है।



अतः आपसे सादर निवेदन है कि उपरोक्त विन्दवार वशिष्ठ मेडिकल कालेज बस्ती के प्राचार्य के अनियमितताओं कार्यवाही कराने की कृपा करें। संलग्नः मेरे पत्र के साथ समाचार में प्रकाशित खबर एवं अ.






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