बस्ती: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में बालकृष्ण हत्या कांड का हुआ खुलासा । पुलिस ने बालकृष्ण के हत्या में शामिल एक अभियुक्त को किया गिरफ्तार।मुंडेरवा थाना प्रभारी निरीक्षक सत्येंद्र कुँवर ने टीम के साथ अभियुक्त को किया गिरफ्तार। आज यानि बुधवार को समय 8:30 बजे प्रदीप यादव उर्फ गोलू पुत्र राम समुझ यादव (ग्राम जगदीश पुर थाना मुण्डेरवा) के घर से गिरफ्तार कर मा0 न्यायालय रवाना किया गया।
सीमा विश्वकर्मा पत्नी स्व0 बाल कृष्ण विश्वकर्मा (ग्राम जगदीश पुर थाना मुण्डेरवा) द्वारा लिखित सूचना दिया था कि दिनांक 28.03.2021 को सायं 07.00 बजे दो लडके मेरे घर आकर बताये कि मनोज चाय वाले की दुकान के बगल में मेरे पति गिरे पड़े है| इस सूचना पर मैं अपने परिवार वालों के साथ जाकर देखा तो वह खून से लथपथ थे| मैं अपने परिवार वालों के साथ अमृत हास्पिटल ले गया, जहां डाक्टर ने बताया कि सदर अस्पताल ले जाइये सदर अस्पताल के डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया| मेरे पति को किसी अज्ञात व्यक्ति ने पीट पीट कर हत्या कर दी है।
पुलिस ने बताया,'' मुखबीर सूचना मिली कि जो व्यक्ति दिनांक 28.03.2021 को मनोज चाय की दुकान पर बाल कृष्ण विश्वकर्मा की पीट पीट कर हत्या किया था... वह प्रदीप यादव उर्फ गोलू ने जमीनी विवाद को लेकर बाल कृष्ण विश्वकर्मा पुत्र लक्ष्मण प्रसाद को मुक्का व लात से मार पीट कर हत्या कारित किया था| इस घटना को काफी लोगो ने देखा था| घटना के सफल अनावरण हेतु पतारसी सुरागरसी के दौरान विवेचना से अभियुक्त प्रदीप यादव का नाम विवेचना से प्रकाश में आया |अभियोग का सफल अनावरण कर मुकदमा उपरोक्त में प्रकाश में आये प्रदीप यादव उर्फ गोलू पुत्र राम समुझ यादव ग्राम जगदीश पुर से गिरफ्तार किया गया।
अभियुक्त गोलू से पूछताछ करने पर जुर्म को स्वीकार करते हुए बताया कि दिनांक 28.03.2021 को मैं मनोज के चाय के दुकान पर समय लगभग 07.00 बजे के आस- पास चाट खा रहा था| इसी दौरान मृतक बाल कृष्ण विश्वकर्मा पुत्र लक्ष्मण विश्वकर्मा अपनी मोटर साइकिल से मनोज की चाय की दुकान पर आया और लड़खड़ाते हुए दुकान के अन्दर आकर बैठकर मनोज मोदनवाल से खाने के लिए समोसा मांगा और दारू पीने लगा | उसके बाद मेरे पास आकर बड़बड़ाने लगा मैं उठ कर अपने घर चला गया, फिर मैं अपनी मां के साथ बाजार की तरफ आ रहा था तो मुझे देखकर बालकृष्ण फिर से बोलने लगा| मेरे मना करने पर मेरी मां बोली कि त्यौहार के दिन तुम लोग क्यों लड़ाई झगड़ा कर रहे हो| यह कहते हुए मेरी मां चली गयी तब तक बालकृष्ण मुझसे लड़ गया, तब मै एक घूसा उसके चेहरे पर मारा व लड़खड़ा कर खड़जें पर गिर गया,, फिर मैं लगातार उसके चेहरे व सर पर मूक्का व लात से मारता रहा ....जब रोड पर एम्बुलेंस की आवाज सुनकर पुलिस होने के डर से उसे छोड़कर भाग गया। मेरी बालकृष्ण से पहले से जमीन बेचवाने की बात को लेकर आये दिन मुझे देखकर बोली बोलता था।