07 मार्च 2024 को हर समाचार पत्रों में एक ही खबर सुर्खियां बटोर रही थी, की पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में महुली क्षेत्र के चंद्रौटी के ग्राम प्रधान के दो बेटो का नाम सामने आया था।
जिसमें पुलिस ने एक आरोपी को पकड़कर उसके पास मोबाइल फोन से अभ्यर्थी का प्रवेश पत्र व अन्य संदिग्ध अभिलेख बरामद किया था। जिसे पुलिस ने जेल भेज दिया।
आज फिर वही नाथनगर ब्लॉक के चंद्रौटी गांव फिर उसी मुन्ना भाई के कारनामों से फिर सुर्खियों में है , क्यों सुर्खियों में है वह हम आपको बताएंगे।
चंद्रौटी गांव में मनरेगा में कराए गए कार्यों का एक साल की सोशल ऑडिट चल रही थी, 5 दिन चलने वाले इस सोशल ऑडिट में सोशल आडिट टीम ग्राम प्रधान द्वारा कराए गए कार्यों का एक-एक करके भौतिक सत्यापन करती है,
सत्यापन के बाद ग्राम प्रधान द्वारा कराए गए कार्यों का अभिलेख लेकर बीआरपी ग्राम सचिव, टी ए मनरेगा,और रोजगार सेवक की उपस्थिति में एक बैठक करा कर गांव में कराए गए कार्यों को जनता के बीच रखकर उनकी सहमति ली जाती है,
लेकिन जानकारों की माने तो चंद्रौटी गांव में प्रधान पुत्र द्वारा मनमाने तरीके से,सोशल ऑडिट के नियमावली की धज्जियां उड़ाते हुए अपने चंद वित्तपोषित, तथा कथित लोगों को सामने बैठाकर सोशल ऑडिट को समाप्त करने में लगा रहा,जिसमें ना ही सचिव बैठे थे
और ना ही ही मनरेगा टी ए दिखाई दे रहे थे। अगर कुछ दिखाई दे रहा था तो वो ऑडिट में बैठे बीआरपी के चेहरे पर खौफ।, बात यूं ही खत्म नहीं हुई जब इसकी सूचना सोशल मीडिया में आग की तरह फैलने लगी तो पत्रकार मामले को जानने चंद्रौटी गांव पहुंचे
लेकिन मुन्ना भाई ने वहां भी अपना कारनामा करना प्रारंभ कर दिया और पूर्व प्रधान को दोषी बताते हुए पत्रकारों से उलझ गया। और पत्रकारों को देख लेने की धमकी देने लगा, और अपने चंद गुर्गों के साथ विवाद जैसी स्थिति उत्पन्न करा दी।
लेकिन सबसे बड़ी विडंबना ये है कि जिले के मुख्य विकास अधिकारी, के द्वारा निरंतर ब्लॉकों में यह निर्देशित किया गया कि ग्राम पंचायत की सोशल आडिट की बैठक के ग्राम प्रधान अपनी मनमानी न कर सके इस लिए बैठक में ग्राम सचिव और मनरेगा टी ए मौजूद रहेंगे
लेकिन, आला अधिकारीयो का वह आदेश चंद्रौटी गांव में धारा का धारा नजर आया, और मुन्ना भाई ने यहां पर भी अपना कारनामा अंजाम दे दिया और लाखों की ऑडिट अपने गुर्गों के सहारे संपन्न करा दी,