लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि,''पहले जो सरकार में थे- वो माफिया को संरक्षण देते थे। आज योगी जी की सरकार, माफिया की सफाई में जुटी है। पहले यूपी की बेटियां घर से निकलने से पहले 100 बार सोचने के लिए मजबूर थीं। आज अपराधी गलत काम से पहले 100 बार सोचता है। तभी तो यूपी के लोग कहते हैं- फर्क साफ है। पहले बेटियां घर में दुबक कर रहने को मजबूर थीं, अब यूपी के अपराधी जेल में दुबकते हैं। तभी तो कहते हैं- फर्क साफ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि,''पहले जो सरकार में थे- आप जानते हैं ना, अच्छी तरह जानते हैं ना, पहले जो सरकार में थे, वो माफिया को संरक्षण देते थे। आज योगी जी की सरकार, माफिया की सफाई में जुटी है। तभी तो यूपी के लोग कहते हैं- फर्क साफ है। पहले जो सरकार में थे- वो बाहुबलियों को बढ़ाते थे। आज योगी जी की सरकार गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी, सभी को सशक्त करने में जुटी है। तभी तो यूपी के लोग कहते हैं- फर्क साफ है। पहले जो सरकार में थे, वो यहां जमीनों पर अवैध कब्जे करवाते थे। आज ऐसे माफियाओं पर जुर्माना लग रहा है, बुलडोजर चल रहा है। तभी तो यूपी के लोग कहते हैं- फर्क साफ है। पहले यूपी की बेटियां घर से निकलने से पहले 100 बार सोचने के लिए मजबूर थीं। आज अपराधी गलत काम से पहले 100 बार सोचता है। तभी तो यूपी के लोग कहते हैं- फर्क साफ है। पहले बेटियां घर में दुबक कर रहने को मजबूर थीं, अब यूपी के अपराधी जेल में दुबकते हैं। तभी तो कहते हैं- फर्क साफ है।
बलरामपुर में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि,''जब मैं आज दिल्ली से चला, तो सुबह से मैं इंतजार कर रहा था कि कब कोई आएगा, कहेगा कि मोदी जी इस योजना का फीता तो हमने काटा था, ये योजना तो हमने शुरू की थी। कुछ लोग हैं जिनकी आदत है ऐसा कहने की। हो सकता है, बचपन में इस योजना का फीता भी उन्होंने ही काटा हो।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि,''कुछ लोगों की प्राथमिकता फीता काटना है, हम लोगों की प्राथमिकता, योजनाओं को समय पर पूरा करना है। 2014 में जब मैं सरकार में आया था, तो ये देखकर हैरान था कि देश में सिंचाई की 99 बड़ी परियोजनाएं हैं जो देश के अलग – अलग कोनों में दशकों से अधूरी पड़ी हैं। हमने देखा कि सरयू नहर परियोजना में कितनी ही जगहों पर नहरें आपस में जुड़ी ही नहीं थीं, पानी आखिरी छोर तक पहुंचाने की व्यवस्था ही नहीं थी।
उन्होंने कहा,''सरयू नहर परियोजना में जितना काम 5 दशक में हो पाया था, उससे ज्यादा काम हमने 5 साल से पहले करके दिखाया है। साथियों, यही तो डबल इंजन की सरकार है, यही तो डबल इंजन सरकार के काम का रफ्तार है। और आप याद रखिए, योगी जी के आने के बाद हमने बाणसागर परियोजना का लोकार्पण किया। कुछ दिन पहले ही अर्जुन सहायक नहर परियोजना का लोकार्पण किया। इसी हफ्ते गोरखपुर में जो फर्टिलाइज़र कारखाने और एम्स का लोकार्पण किया गया, उनका भी बरसों से इंतजार हो रहा था। कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की भी फाइलें बरसों से चल रही थी। लेकिन इस एयरपोर्ट को भी शुरू करवाने का काम डबल इंजन की सरकार ने ही किया है।
हमारी सरकार किस तरह बरसों पुराने सपनों को साकार कर रही है इसका एक और उदाहरण केन-बेतबा लिंक परियोजना भी है। सालों से इस परियोजना की मांग हो रही थी। अभी दो-तीन दिन पहले ही कैबिनेट ने इस परियोजना को स्वीकृति दे दी है और इस पर 45 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। ये उत्तर प्रदेश को इतनी बड़ी सौगात मिल रही है, 45 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। ये परियोजना बुंदेलखंड को जल संकट से मुक्ति दिलाने में बड़ी भूमिका निभाएगी।
उन्होंने कहा,''किसान की आय बढ़ाने का एक और विकल्प बायोफ्यूल भी है। हम खाड़ी के तेल से चलाते थे अब हम झाड़ी का तेल भी लेकर के आ रहे हैं। बायोफ्यूल की अनेक फैक्ट्रियां यूपी में बनाई जा रही हैं। बदायूं और गोरखपुर में बायोफ्यूल के बड़े कॉम्प्लेक्स बनाए जा रहे हैं। यहां पास में, गोंडा में भी इथेनॉल का एक बड़ा प्लांट बन रहा है। इसका लाभ इस क्षेत्र के बहुत से किसानों को होगा। गन्ने से इथेनॉल बनाने के अभियान में भी यूपी अग्रणी भूमिका की ओर बढ़ रहा है। बीते साढ़े 4 साल में लगभग 12 हज़ार करोड़ रुपए का इथेनॉल यूपी से खरीदा गया है। योगी जी की सरकार जब से आई है, तब से गन्ने के भुगतान में भी बहुत तेज़ी आई है। एक समय 2017 से पहले का भी था जब गन्ना किसान, सालों-साल बकाया मिलने के लिए इंतज़ार करते थे। पिछली सरकारों के दौरान जहां 20 से अधिक चीनी मिलों में ताला लग गया, वहीं योगी जी की सरकार ने इतनी ही चीनी मिलों का विस्तार और आधुनिकीकरण किया है।