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बलरामपुर: कोड़री घाट पर सफेद रेत के अवैध कारोबार ने पसारा पांव, जिला प्रशासन के नाक के नीचे रोजाना निकल रहे दर्जनों अवैध बालू लदी ट्रालियाँ

  • by: news desk
  • 12 August, 2021
बलरामपुर: कोड़री घाट पर सफेद रेत के अवैध कारोबार ने पसारा पांव,  जिला प्रशासन के नाक के नीचे रोजाना निकल रहे दर्जनों अवैध बालू लदी ट्रालियाँ

-जिला प्रशासन के नाक के नीचे रोजाना निकल रहे दर्जनों अवैध बालू लदी ट्रालियाँ

-सरकार को प्रतिदिन लाखों के राजस्व की पहुंचाई जा रही क्षति



बलरामपुर: जिले में सफेद रेत का अवैध कारोबार खूब फल-फूल रहा है। आलम यह है कि बहराइच मार्ग के हरिहरगंज बाजार के समीप कोड़री घाट के राप्ती नदी के किनारे अवैधानिक तरीके से कुछ स्थानीय दबंगों एवं खनन माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से दिन भर में एक सैकड़ा ट्रेक्टर ट्राली के माध्यम से बालू निकाले जाने की चर्चा है। स्थानीय लोगों की माने तो सफेद रेत के इस कारोबार में कुछ सफेद पोश के साथ स्थानीय बालू माफिया संलिप्त हैं जो प्रतिदिन राजस्व को लाखों का क्षति पहुंचाकर अवैधानिक तरीके से बालू खनन कर रहे हैं। 



स्थानीय लोगों द्वारा बालू खनन की शिकायतें जिला प्रशासन से एवं मुख्यमंत्री जन सुनवाई पोर्टल पर होती रही है लेकिन स्थानीय अधिकारी मामले में लीपापोती कर के शिकायतों को ठण्डे बस्ते में डाल देते हैं और शासन को झूंठी रिपोर्ट देकर शिकायतकर्ताओं पर ही दबाव बनाने लगते हैं। चर्चा यह है कि इस कार्यभार में स्थानीय ग्राम प्रधान बालू खनन कराने में संलिप्त होने की बात कही जा रही है। 



जानकारों की माने तो कोड़री घाट पर बालू खनन के सम्बन्ध में जो जिला प्रशासन से रायल्टी की अनुमति दी गई थी उसके भी समाप्त होने की चर्चा है। ग्रामीणों की मानें तो इस समय जो बालू खनन हो रहे हैं वह शिवपुरा विकास खण्ड के अमवा गांव में बने डम्पिंग के नाम अवैध खनन किया जा रहा है। जिले में सफेद रेत का कारोबार दिन दूना रात चौगुना गति से बढ़ रहा है। अवैध खनन के जानने के बाद भी स्थानीय जन प्रतिनिधि एवं खनन विभाग का चुप्पी साधना कहीं न कहीं खनन माफियाओं के गंठजोड़ का इशारा कर रहा है।



 सूत्रों की माने तो कोड़री घाट के राप्ती नदी के जबदही गांव के समीप रोजाना सैकड़ों ट्रेक्टर ट्राली अवैध बालू खनन करते देखे जा सकते हैं लेकिन जब इसकी शिकायत खनन विभाग के प्रभारी खनन अधिकारी से की जाती है तो घुमा-फिराकर जवाब देकर कार्यवाही के बजाय उल्टे खनन माफियाओं के पक्ष में ही महकमा खड़ा नजर आता है। अब सवाल यह उठता है कि एक तरफ राज्य सरकार अवैध खनन के खिलाफ अभियान चलाकर कार्यवाही करने का दावा करती है तो दूसरी तरफ जिले में कोड़री घाट के जबदही गांव के समीप राप्ती नदी के तट से अवैध सफेद रेत का कारोबार चरम पर चल रहा है। 




सूत्रों की मानें तो बालू का अवैध खनन करने वाले सफेद पोश एवं खनन माफिया रोजाना सरकार का लाखों का राजस्व क्षति तो पहुंचा ही रहे है साथ ही साथ शासन के दावे की कलई खोलकर रख दी है। सूत्रों की मानें तो रायल्टी एवं डम्पिंग के नाम पर बालू माफिया सफेद रेत का अवैध खनन को अन्जाम दे रहें है। प्रशासन के नाक के नीचे रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टर ट्राली ट्रक, बालू के भरे शहर में बालू क्रय के लिए घूमते रहते हैं। अब सवाल यह उठता है कि जब नालों से बालू खनन पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा हुआ है तो यह बालू व्यापक पैमाने पर कहां से लाया जाता है। यह कि यक्ष प्रश्न है।




जिम्मेदार के बोल- जिला खनन अधिकारी सुखेन्द्र सिंह की माने तो जिले में अवैध बालू खनन पर रोक लगी है। कोड़री घाट से जो बालू खनन किया जा रहा है उसका पट्टा बना हुआ है।





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