ये है ज्योति सागर। इसने दीपक चौहान, रोबिन चौहान सहित 3 युवकों पर कार में गैंगरेप करने, नशीला इंजेक्शन लगाने, बॉडी पर केमिकल डालने और प्राइवेट पार्ट में बोतल घुसाने की FIR गाजियाबाद, UP में कराई। पुलिस जांच में सारे आरोप झूठे निकले।
पुलिस का दावा– "महिला का अपने पति से विवाद है। पहले तो पति को जेल भिजवाया, अब पति के दोस्तों को जेल भेजकर पैसा वसूलना चाहती थी"
बलात्कारी को फाँसी लेकिन
बलात्कार का झुठा केस करने वालों को फाँसी क्यों नहीं ?
किधर गए न्यूज़ वाले ।
किधर गए कैंडल मोर्चा निकालने वाले।
कम से कम इसके खिलाफ तो आवाज उठाओ।
लड़का हो या लड़की कानून सबके लिए एक बराबरी।
किधर गई गलती मेरी नहीं थी क्या कहना था कहां गई थी बलात्कारी हो तो बलात्कारी हो तो।