दोस्तों समयाभाव में लिख रहा हूं, शब्द इधर-उधर हो तो ठीक करके पढ़ लीजिएगा , बड़ा खतरनाक साजिश चल रहा है आपके खिलाफ , आप भी लिखिए-
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कन्हैया कुमार समेत 7 लोगों को भारत विरोधी नारे लगाने और नफरत भड़काने के आरोप पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।
आइए मेरे नजर में समझते हैं क्या है इसके मायने ।
यह पोस्ट मैं मजबूरन लिख रहा हूं क्योंकि मुझे अभी-अभी जितेंद्र कमल जी का पोस्ट दिखाई दिया जो काफी निराशाजनक था और मुझे यह पोस्ट नवसामंतवाद, रूढ़िवाद, यथास्थितिवाद एवं फासीवाद से भरी साजिश लगी ।जितेंद्र जी ने कैसे यह राय बना लिया है यह कह पाने में मैं फिलहाल असमर्थ हूं ..
आइए जानें-
- आर एस एस की A टीम भारतीय जनता पार्टी के बारे में तो कुछ कहना ठीक ही नहीं उसी से तो असली लड़ाई है।
- रही बात केजरीवाल की तो तमाम बुद्धिजीवी ने मिलकर उसे आर एस एस का B टीम घोषित कर दिया है।
- और मैं यहां कन्हैया कुमार एंड पार्टी प्रशांत किशोर, रवीश कुमार एवं अन्य शरारती छुपे बहुरूपिया भेषधारी संघीयों को आरएसएस का ही एक नया पैंतरा मानता हूं।
सही तो यह है कि कन्हैया कुमार देशद्रोह के केस से ही फेमश हुआ है , वह 30-40 दिन बिहार में यात्रा करके देख लिया उसे कोई समर्थन मिल नहीं रहा । तेजस्वी की बढ़ती लोकप्रियता और राजद की बहुजन समर्थित कठोर नीतियों और बिहार की जनता के आक्रोश से भयभीत संघी किसी भी हालत में मामले को अपने पक्ष में लाने के जुगत में हैं ।
इसलिए कन्हैया पर फिर से इस तरह का देशद्रोह का मुकदमा किया गया है और मीडिया में अत्यधिक कवरेज दिया जा रहा है ताकि कुछ उत्तेजित दलित नौजवान और खासकर मुस्लिम नौजवान इससे ही अपना मुक्तिदाता स्वीकार कर लें (इसलिए इसे और लोकप्रिय बनाया जा रहा है )और यह दोनों समुदाय मिलकर दलित और मुस्लिम वोट को कन्हैया के समर्थन में शिफ्ट करा सके।
इससे स्पष्ट है कि अभी हाल में बनी कन्हैया टीम जिसमें प्रशांत किशोर रवीश कुमार और तमाम बहुरूपिया संघी बड़ी मजबूती के साथ हाथ पैर मार रहे हैं और प्रयास में लगे हैं कि राजद को किसी भी हालत में कमजोर किया जाए।
इसलिए इसे आर एस एस एंड विचारधारा की C टीम माना जाय। देखना बिहार विधानसभा चुनाव तक ही यह सब प्रोपेगंडा चलेगा बीच में एक आध बार उसे जेल भी भेजा जा सकता है बाकी चुनाव बाद क्लीन चिट दे दिया जाएगा
अमित कुमार मंडल
(छात्र- राजनीतिशास्त्र विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ )