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योगी सरकार में फर्जी मुकदमों में फंसाकर मुसलमानों का किया जा रहा उत्पीड़: सपा- भाजपा के दावे पर बोली मायावती -किस पार्टी में कितना है दम, आने वाला वक्त ही बताएगा

  • by: news desk
  • 30 November, 2021
योगी सरकार में फर्जी मुकदमों में फंसाकर मुसलमानों का किया जा रहा उत्पीड़: सपा- भाजपा के दावे पर बोली मायावती -किस पार्टी में कितना है दम, आने वाला वक्त ही बताएगा

लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती ने बसपा के ओबीसी समाज , अल्पसंख्यकों में से मुस्लिम समाज एवं जाट समाज के मुख्य सेक्टर व मण्डल सेक्टर स्तर के वरिष्ठ पदाधिकारियों की सुरक्षित विधानसभा की सीटों पर सक्रियता की अति-महत्वपूर्ण बैठक में इनके कार्यों की समीक्षा की। बसपा प्रमुख मायावती  ने कहा,  यूपी में भाजपा सरकार में धार्मिक भाजपा सरकार में धार्मिक अल्पसंख्यक समाज में से खासकर मुस्लिम समाज के लोग भी हर मामले में व हर स्तर पर काफी ज्यादा दुःखी नजर आते हैं। यूपी भाजपा सरकार में अब इनकी तरक्की होनी भी लगभग बन्द सी हो गई है तथा ज्यादातरफर्जी मुकदमों में फंसाकर इनका काफी उत्पीड़न भी किया जा रहा है। 



बसपा प्रमुख मायावती  ने कहा, साथ ही, नए-नए नियमों व कानूनों के तहत् इनमें दहशत भी काफी पैदा की जा रही है। इससे बीजेपी का इनके प्रति सौतेला रवैया भी साफ नजर आता है जबकि बी.एस.पी. की रही सरकारों में इनकी तरक्की के साथ-साथ इनके जान-माल आदि की भी पूरी-पूरी इफाजत की गई। इसके साथ-साथ, जाट समाज के लोगों की भी तरक्की व खुशहाली का पूरा-पूरा ध्यान बी.एस.पी. की सरकारों में रखा गया। मायावती ने फिर दोहराया बी.एस.पी. यूपी विधानसभा का अगला आमचुनाव सभी 403 सीटों पर अकेले अपने बूते पर ही पूरी तैयारी के साथ लड़ेगी और उन्हें पूरी उम्मीद है कि सन् 2007 की तरह ही पूर्ण बहुमत की सरकार यहाँ फिर से जरूर बनाएगी।




बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, आज बी.एस.पी. प्रदेश कार्यालय लखनऊ में यूपी में पार्टी के ख़ासकर ओबीसी समाज व धार्मिक अल्पसंख्यक समाज में से मुस्लिम समाज एवं जाट समाज के मुख्य सेक्टर व मण्डल सेक्टर स्तर के वरिष्ठ पदाधिकारियों की यह अति-महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गयी है जिनको प्रदेश की केवल सुरक्षित विधानसभा की सीटों पर अपने-अपने समाज को बी.एस.पी. में जोड़ने की विशेष जिम्मेवारी सौंपी गई है।



इनके साथ-साथ प्रदेश की सामान्य विधानसभा की सीटों पर भी अलग से इन वर्गों के लोगों को जिम्मेवारी दी गई है जिनकी मैं पिछले महीने समीक्षा कर चुकी हूँ लेकिन आज एस.सी. सुरक्षित विधानसभा की सीटों पर लगे जिन पदाधिकारियों को बुलाया गया है, ये सभी पदाधिकारी पिछले कई महीनों से अपने इस कार्य में पूरे जी-जान से लगे हैं और आज मेरे खुद के द्वारा इनके कार्यों की गहन समीक्षा करने के लिए ही इन्हें प्रदेश कार्यालय लखनऊ में बुलाया गया है।



वैसे आप लोगों को ओबीसी वर्गों के बारे में यह मालूम होना चाहिए कि आज यूपी सहित पूरे देश में अति पिछड़े वर्गों के लोगों को विशेषकर शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों आदि में जो इन्हें आरक्षण सम्बन्धी सुविधा मिली है तो यह सब वास्तव में पूरी की पूरी देन देश के करोड़ों दलितों, आदिवासियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के मसीहा व भारतीय संविधान के मूल निर्माता परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर जी की ही है जिनकी कृपा से ही संविधान में अनुच्छेद 340 के तहत् इनको यह सुविधा देने के लिए तब फिर कमीशन बना है।



लेकिन इस मामले में अति-दुःख की बात यह भी रही है कि आजादी के बाद से लम्बे समय तक केन्द्र में रही कांग्रेसी सरकार के समय में ही मण्डल कमीशन की रिपोर्ट आने के बावजूद भी इस पार्टी की सरकार ने इसे लागू नहीं किया था, जिसे फिर बी.एस.पी. ने ही अपने अथक प्रयासों से केन्द्र मे रही वी.पी. सिंह की सरकार से लागू करवाया था और तब फिर जाकर देश में ओबीसी वर्गों के लोगों को दलितों व आदिवासियों की तरह, इन्हें भी काफी कुछ यह आरक्षण की सुविधा मिली है, जिसे अब केन्द्र व राज्यों की भी जातिवादी सरकारें इनके आरक्षण को आए दिन नये-नये नियम व कानून आदि बनाकर तथा कोर्ट-कचेहरी का भी सहारा लेकर प्रभावहीन बनाने में लगी है। यही हाल हमें यहाँ इन वर्गों का यूपी में भी देखने के लिए मिल रहा है।



उन्होंने कहा,''इसके साथ-साथ, पूरे देश में दलितों आदिवासियों व अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों के साथ हर स्तर पर हो रही जुल्म-ज्यादती भी अभी तक पूरे तौर से बन्द नहीं हुई है। इसके इलावा, ओबीसी समाज की केन्द्र की सरकार से जो इनकी अलग से जातिगत जनगणना कराने की मॉग चल रही है जिससे बी.एस.पी. पूरे तौर से सहमत है, उसे भी अब केन्द्र सरकार द्वारा जातिवादी मानसिकता के तहत् चलकर नजर अन्दाज किया जा रहा है।




बसपा प्रमुख ने कहा,''इसी ही प्रकार यूपी में वर्तमान में चल रही भाजपा सरकार में हमें धार्मिक अल्पसंख्यक समाज में से खासकर मुस्लिम समाज के लोग भी हर मामले में व हर स्तर पर काफी ज्यादा दुःखी नजर आते है। इस सरकार में अब इनकी तरक्की होनी भी लगभग बन्द सी हो गई है तथा ज्यादातर फर्जी मुकदमों में फंसाकर इनका काफी उत्पीड़न भी किया जा रहा है।




मायावती ने कहा,'साथ ही, नए-नए नियमों व कानूनों के तहत इनमें दहशत भी काफी पैदा की जा रही है जो यह सब मेरी सरकार में कतई भी नहीं हुआ है, यह बात भी सर्वविदित है। लेकिन इससे बीजेपी का इनके प्रति सौतेला रवैया भी साफ नजर आता है जबकि बीएसपी की रही सरकार में इनकी तरक्की के साथ-साथ, इनके जान-माल आदि की भी पूरी-पूरी इफाजत की गई है। इनके साथ-साथ जाट समाज के लोगों की भी तरक्की का पूरा-पूरा ध्यान रखा गया है। 



उन्होंने कहा,''इसी ही प्रकार आगे भी यहाँ बी.एस.पी. की सरकार बनने पर इन सभी वर्गों के हित व कल्याण का पूरा-पूरा ध्यान रखा जाएगा और इन सबके बारे में प्रदेश में पार्टी के ओबीसी व जाट समाज एवं मुस्लिम समाज के आज आए हुए सभी पदाधिकारी अपने-अपने समाज की छोटी-छोटी बैठकों के जरिये काफी कुछ बता रहे हैं जिसके कारण इन वर्गों के लोग बड़ी संख्या में पार्टी से जुड़ रहे हैं।




मायावती ने कहा,''इस बार चुनाव में बी.एस.पी. की सरकार बनने पर हर मामले में व हर स्तर पर प्रदेश के अति पिछड़े वर्गों के साथ-साथ मुस्लिम एवं जाट समाज के लोगों के भी हित व कल्याण का बी.एस.पी. की यहाँ पूर्व में रही सरकार की तरह ही फिर से पूरा-पूरा ध्यान रखा जायेगा। इस विश्वास के साथ ही अब मैं अपनी बात यहीं समाप्त करती हूँ। 



''सपा  और भाजपा द्वारा किए जा रहे जीत (350+) के दावे के सवाल के जवाब में मायावती जी ने कहा कि यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि किस पार्टी में कितना है दम तथा जहाँ तक चुनावी गठबंधन के बारे में प्रश्न है तो मैंने एक बार नहीं बल्कि बार-बार साफ-साफ कहा है कि बी.एस.पी. यूपी विधानसभा का अगला आमचुनाव सभी 403 सीटों पर अकेले अपने बूते पर ही पूरी तैयार के साथ लड़ेगी और मुझे पूरी उम्मीद दै कि सन् 2007 की तरह पूर्ण बहुमत की सरकार यहाँ फिर से जरूर बनाएगी। हमारे लोग फील्ड में बहुत ही लगन व मेहनत से लगे हुए हैं तथा भाजपा सरकार के खिलाफ बी.एस.पी का जनाधार तेजी से बढ़ रहा है।



विपक्षी पार्टियों के 12 राज्यसभा सांसदों के पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबन सवाल के जवाब में मायावती जी ने कहा कि यह संसद के चालू शीतकालीन सत्र का नहीं बल्कि पिछले मानसून सत्र का मामला है जिस पर अब कार्यवाही की गई है। सरकार को इतना कड़ा रूख नहीं अपनाना चाहिए बल्कि आपस में वार्ता करके इस मामले को सुलझा लेना चाहिए ताकि संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सके।




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