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'सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ': आईएएस कैडर नियमों में बदलाव पर भड़कीं ममता बनर्जी, PM मोदी से की तुरंत वापस लेने की मांग

  • by: news desk
  • 18 January, 2022
'सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ': आईएएस कैडर नियमों में बदलाव पर भड़कीं ममता बनर्जी, PM मोदी से की तुरंत वापस लेने की मांग

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आईएएस कैडर नियम 1954 में प्रस्तावित संशोधन पर प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा, इसे "सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ और यह IAS और IPS अधिकारियों की पोस्टिंग के मामले में केंद्र और राज्यों के बीच सामंजस्यपूर्ण व्यवस्था को खराब करता है।" ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र का आईएएस कैडर नियम, 1954 में प्रस्तावित संशोधन सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है और केंद्र और राज्यों के बीच लंबे समय से बने सामंजस्यपूर्ण समझौते को बिगाड़ देगी|



ममता बनर्जी ने  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया है और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है| ममता बनर्जी ने कहा है कि आईएएस कैडर नियमों में बदलाव अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजने के लिए राज्यों को बाध्य करेगा |इससे राज्यों में प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित होगी|



ममता बनर्जी ने लिखा है, केंद्र सरकार द्वारा आईएएस कैडर रूल्स में बदलाव को लेकर जो रुख अपनाया है, उस पर मैं कड़ी आपत्ति दर्ज कराती हूं। यह नियम एकतरफा तौर पर अनिवार्य रूप से राज्यों को निश्चित संख्या में आईएएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए उपलब्ध कराना होगा। आईएएस कैडर के नियमों में बदलाव के प्रस्ताव के साथ केंद्र ने राज्यों से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए अधिकारियों की सूची भेजने को कहा है।



मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएएस और आईपीएल अफसरों की पोस्टिंग को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच मौजूदा व्यवस्था बेहद सामंजस्य औऱ समन्वय वाली है। यह संघवाद की भावना के अनुकूल है। जिसमें बदलाव कतई सही नहीं है। उन्होंने कहा कि नए नियमों के बाद राज्यों को अपने यहां प्रशासनिक व्यवस्था की योजना बनाना और उस पर अमल करना मुश्किल हो जाएगा।



सीएम बनर्जी ने कहा, केंद्र और राज्यों के बीच जो परामर्शकारी और इंटरैक्टिव भावना है, उसके खिलाफ कोई कदम न उठाया जाए। उसे बदलने का एकतरफा तरीके से प्रयास न किया जाए। कैडर रूल्स को लेकर संघवाद की भावना को कायम रखा जाए और इन प्रस्तावित संशोधनों को तुरंत वापस लिया जाए।









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